नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश के चिड़ियाघरों में शेरों को मीट के बजाय चिकन खिलाने का मामला संसद तक पहुँच गया. कांग्रेस के एक सदस्य ने शुक्रवार को लोकसभा में इस मुद्दे को उछाला है और सवाल पूछा है कि क्या अब शेरों को पालक पनीर भी खिलाया जाएगा.
अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया और कहा कि भारत 28 हजार करोड़ रुपए मूल्य के मांस का निर्यात कर्ता है. किन्तु राज्य के चिड़ियाघरों में शेरों को मांस के बजाय चिकन खिलाया जा रहा है. चौधरी ने कहा कि प्रकृति की एक जैविक व्यवस्था है जिसमें सभी का जीवित रहना जरूरी है किन्तु अभी कहा जा रहा है कि मांस का उपभोग बंद कर देंगे. बता दे कि बीजेपी ने अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, इटावा लॉयन सफारी के शेरों को भी भैंसे के मांस के बजाय चिकन दिया जा रहा है किन्तु शेर चिकन नहीं खा रहे हैं. इस सफारी में शेरों के तीन जोड़े हैं, इन्हें दो दिन से उनकी खुराक नहीं मिल रही है.
यह भी जानकारी दे दे कि बूचड़खानों पर कार्रवाई के बाद से लखनऊ चिडि़याघर के जानवरों के भोजन संबंधी समस्या शुरू हो गई है. इस चिड़ियाघर में सात बाघ, चार सफेद बाघ, आठ शेर, आठ पैंथर, 12 जंगली बिल्लियां, दो लकड़बग्घे, दो भेडि़ए और दो सियार हैं. इन्हें भोजन के लिए प्रत्येक दिन 235 किलो मांस चाहिए होता है.
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