आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखने की परंपरा है. इसे जितिया व्रत भी बोला जाता है. इस दिन माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, आरोग्य एवं सुखमय जीवन के लिए बिना आहार एवं निर्जल रहकर यह व्रत रखती हैं. ये त्यौहार 3 दिन तक मनाया जाता है. सप्तमी तिथि को नहाय-खाय के पश्चात् अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. तत्पश्चात, नवमी तिथि को भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनके मंत्रों का जाप किया जाता है. इस बार जितिया व्रत 6 अक्टूबर को रखा जाएगा. अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर को प्रातः 6 बजकर 34 मिनट से लेकर 7 अक्टूबर को प्रातः 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगी. 6 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. आप इस अबूझ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं. वही इस दिन अपनाएं गए कुछ उपाय आपके लिए कारगर सिद्ध हो सकते है....
धन प्राप्ति का उपाय:-
शुक्रवार के दिन सफेद मिठाई का दान करें. इससे धन की प्राप्ति भी होगी तथा धन की बचत भी होगी. यदि कारोबार में विस्तार चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन गुलाबी फूल पर बैठी हुई लक्ष्मी जी का चित्र स्थापित करें. तत्पश्चात, मां लक्ष्मी को गुलाब का इत्र अर्पित करें. उसी इत्र को नित्य प्रातः प्रयोग करें. तब काम पर जाएं.
ये उपाय भी कारगर:-
एक स्फटिक की माला ले लें. उसे कुछ देर गुलाब जल में भिगो लें. तत्पश्चात, उसी माला से "ॐ श्रीं श्रीयै नमः" का १०८ बार जाप करें. इस माला को धारण कर लें.
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