सावन के पहले मंगलवार जरूर अपनाएं ये उपाय, बजरंगबली हर लेंगे सभी कष्ट

सावन के पहले मंगलवार जरूर अपनाएं ये उपाय, बजरंगबली हर लेंगे सभी कष्ट
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इस सावन का आरम्भ 22 जुलाई से हो गया है तथा समापन 19 अगस्त, सोमवार को रक्षाबंधन के दिन होगा. ऐसा कहा जाता है सावन में जो भी जातक व्रत रखता है, उसकी महादेव सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. साथ ही महादेव की इसी विशेष कृपा के लिए सावन में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है. इस बार सावन बहुत ही विशेष माना जा रहा है क्योंकि सावन में 72 वर्ष पश्चात् प्रीति योग, आयुष्‍मान योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. वहीं, गजकेसरी योग भी बनने जा रहा है. वही ज्योतिष शास्त्र में सावन के मंगलवार के महत्व को बताते हुए कुछ विशेष उपाय भी बताए गए हैं। मान्यता है कि इस दिन उपायों को करने से जीवन में सुख-समृद्धि के आगमन के साथ दुखों से मुक्ति प्राप्त होती है। आइये आपको बताते सावन के पहले मंगलवार के खास उपाय-

सावन मंगलवार पर अपनाएं ये उपाय:- 
भक्तिपूर्ण अभ्यास: 

शास्त्रों के मुताबिक, सावन के पहले मंगलवार को भगवान महादेव और देवी पार्वती का विशेष ध्यान करें। पारंपरिक पूजा अनुष्ठान करें और भगवान हनुमान की भी पूजा करें। माना जाता है कि हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

मंदिर जाना:
सावन के पहले मंगलवार को राम मंदिर जाना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन प्रभु श्री राम और देवी सीता का आशीर्वाद लेने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, भगवान हनुमान उनकी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए जाने जाते हैं।

अनुष्ठान और प्रसाद:
सावन के पहले मंगलवार को भगवान महादेव का औपचारिक स्नान (जलाभिषेक) करें। शाम को हनुमान मंदिर जाएं, सरसों के तेल और शुद्ध घी से भरे दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा माना जाता है कि ऐसे कार्य भगवान हनुमान की कृपा को आकर्षित करते हैं और किसी भी परेशानी को ठीक करते हैं।

पवित्र प्रथाएँ: 
सावन के पहले मंगलवार को शिव लिंग का रुद्राभिषेक करें, जिसे बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा, हनुमान मंदिर में नारियल का प्रसाद चढ़ाने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

जप और प्रार्थना: 
सावन के पहले मंगलवार को शिव चालीसा का पाठ करना लाभकारी माना जाता है। कष्टों को दूर करने के लिए, शाम को हनुमान मंदिर जाएँ और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।

ये प्रथाएँ परंपरा में गहराई से निहित हैं और माना जाता है कि ये किसी के जीवन में खुशी, समृद्धि और दुखों से मुक्ति लाती हैं। प्रत्येक अनुष्ठान और प्रार्थना का उद्देश्य सावन के इस पवित्र महीने के दौरान दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करना है।

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