हिन्दू धर्म में प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखने की परंपरा है. इस दिन महादेव की पूजा की जाती है तथा उनकी कृपा से तमाम मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. प्रदोष व्रत की पूजा शाम के वक़्त अधिक लाभदायी होती है. ऐसे में शाम 6 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक आप पूजा कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त दोपहर की पूजा 12 बजे से 3 बजे तक की जा सकती है. हालांकि प्रदोष काल को महादेव की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है. ऐसे में इसी वक़्त पूजा करने का प्रयास करें.
मंत्र
ॐ नमः शिवाय, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
सोम प्रदोष उपाय
शिव जी की असीम कृपा पाने के लिए पूजन के दौरान शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें-
1. घी
2. दही
3. फूल
4. फल
5. अक्षत
6. बेलपत्र
7. धतूरा
8. भांग
9. शहद
10. गंगाजल
11. सफेद चंदन
12. काला तिल
13. कच्चा दूध
14. हरी मूंग दाल
15. शमी का पत्ता
कुंडली में चंद्रमा मारक हो तो क्या करें?
प्रदोष काल में महादेव को जलधारा चढाने. शिव जी के सामने बैठकर पहले चंद्रमा के मंत्र का जाप करें. मंत्र होगा- "ॐ सोम सोमाय नमः" एवं "नमः शिवाय". चांदी का एक छल्ला शिवजी को चढ़ाएं. फिर उसे पहनें.
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