काबुल। कई सालों से आतंकवाद से जूझ रहे अफगानिस्तान ने कुछ महीनों से आतंकवाद के खिलाफ बड़ी जंग छेड़ रखी है। अब अफगानिस्तान को इस मामले में एक बड़ी खुशखबरी मिली है। ऐसा इसलिए क्योंकि अफगानिस्तान के बड़े आतंकवादी गुटों में से एक हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन की मौत हो चुकी है।
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जलालुद्दीन हक्कानी अफगानिस्तान में मुल्ला उमर के बाद दूसरा सबसे बड़ा आतंकी था। जलालुद्दीन के बनाये हक्कानी आतंकवादी संगठन उसके नेतृत्व में अफगानिस्तान में भयंकर आतंक मचा चुका है और हजारों लोगों की जान भी ले चुका है। अमेरिकी मीडिया चैनलों ने अपनी हालिया रिपोर्ट्स में इस बात की जानकारी दी है। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को जलालुद्दीन हक्कानी की मौत की घोषणा की है। अमेरिकी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि जलालुद्दीन को अफगानिस्तान में दफनाया जायेगा। तालिबान की अधिकतर आबादी यह मानती यही कि हक्कानी ने मुल्ला उमर की मौत के बाद तालिबान को एकजुट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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गौरतलब है कि जलालुद्दीन ने हक्कानी नेटवर्क की स्थापना मूल रूप से सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद द्वारा जंग करने के लिए की थी। इस संगठन की स्थापना से पहले हक्कानी तालिबान सरकार में मंत्री भी रह चुका है। परन्तु साल 2001 में जब यह सरकार गिर गई तो जलालुद्दीन वहां से भाग निकला और दोबारा आतंकवाद की और लौटते हुए उसने हक्कानी नेटवर्क की स्थापना की थी।
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