'ये अब तुम्हारी दुल्हन है..', अब्दुल ने 55 साल के अधेड़ को बेच दी अपनी 9 साल की बच्ची

'ये अब तुम्हारी दुल्हन है..', अब्दुल ने 55 साल के अधेड़ को बेच दी अपनी 9 साल की बच्ची
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काबुल: अफगानिस्तान में कई परिवारों की स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि उन्हें दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए अपनी फूल सी बेटियों को बेचना पड़ रहा है। अब्दुल मलिक का परिवार भी उन्हीं लोगों में शामिल है, जिन्होंने अपनी 9 वर्षीय बच्ची परवाना मलिक का सौदा एक 55 वर्षीय कुर्बान नामक बुजुर्ग से कर दिया और जब सफेद दाढ़ी-बाल वाला कुर्बान उसे अपने साथ बुर्का पहनाकर ले जाने लगा तो अब्दुल केवल इतना ही कह पाया – ‘इसे मारना पीटना मत…ये तुम्हारी दुल्हन है।’

परवाना ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, 'मेरे अब्बू ने मुझे इसलिए बेचा क्योंकि हमारे पास खाने के लिए रोटी, चावल और आटा नहीं था। इसलिए उन्होंने मुझे बूढ़े आदमी को बेच दिया।' वहीं परवाना के अब्बू अब्दुल मलिक कहते हैं, 'मुझे बहुत अधिक दुख है कि मैंने अपनी बेटी को बेच दिया। मुझे रातों में नींद तक नहीं आती।' अब्दुल ने बताया कि उन्होंने कई जगह रोज़गार खोजा और रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए। यही नहीं, दोनों मियां-बीवी ने कैंप के बाहर भीख भी माँगी, मगर कुछ काम नहीं आया, अंत में जाकर बेटी बेचनी पड़ी क्योंकि परिवार के बाकी लोग भूख से तड़प रहे थे। अब्दुल अपनी विवशता बताते हुए कहते हैं कि, 'हमारे पास और कोई रास्ता नहीं बचा था। हमारा 8 लोगों का परिवार है। मुझे बाकी लोगों को जीवित रखने के लिए अपनी बच्ची को बेचना ही पड़ा।'

बता दें कि परवाना का परिवार अफगान के डिस्प्लेसमेंट कैंप में बडघीस में बीते 4 वर्षों से रह रहा है। बहुत मेहनत करने के बाद उनको सिर्फ 2 पाउंड मिल पाते हैं। लेकिन परवाना को बेचने के बाद उन्हें 2 लाख अफगानी मिले। इससे उनका परिवार कुछ माह और खाना खा सकेगा। अपनी बच्ची को बेचते हुए अब्दुल, कुर्बान से बस इतना ही कह सका,'ये तुम्हारी दुल्हन है। इसका ख्याल रखना। तुम इसके लिए जिम्मेदार हो। इसे प्लीज मारना मत।' वहीं, कुर्बान के साथ जाते वक़्त परवाना ने दरवाजे पर पैर अड़ा कर अपने आप को छुड़वाने की नाकाम कोशिशें की, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। उसे कार में बैठाकर ले जाया गया। अब्दुल के पिता ने बताया कि जब उन्होंने कुर्बान के आगे विनती की, कि वो उनकी बच्ची को मारें न तो कुर्बान ने जवाब दिया कि, 'मैंने इसके पैसे दिए हैं। जो मेरा मन होगा, वो करूँगा। इससे तुम्हे कोई मतलब नहीं है।' बता दें कि अफगानिस्तान के हालातों के कारण सिर्फ परवाना ही नहीं, बल्कि उसकी 12 वर्षीय बहन भी कुछ महीने पहले बेच दी गई थी। वहीं इनके साथ ही 10 वर्षीय लड़की का सौदा उसके परिवारवालों ने अपना कर्जा चुकाने के लिए किया था।  

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