काबुल: अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान को पाकिस्तान से सहायता मिलने की बात आए दिन सामने आती है। अब अफगानिस्तानी फ़ौज ने विश्व के समक्ष इसके सबूत भी रखे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में अफगान सेना ने अमेरिकी सहायता से तालिबान के खिलाफ जंग में बड़ी बढ़त हासिल की है। अफगानी सेना ने कई गाँवों और राजमार्गों को तालिबान के कब्ज़े से आज़ाद करा लिया है। अफगानी सेना ने उस सलमा बाँध पर भी हमले को विफल कर दिया है, जिसे भारत की मदद से बनाया गया है। अफगानी सेना की कार्रवाई में तालिबानियों के साथ कुछ पाकिस्तानी भी मारे गए हैं। ये पाकिस्तानी सेना से जुड़े थे और उनके आईडी कार्ड बरामद हुए हैं।
10 #Taliban terrorists were and 3 others were wounded in a clearing operation conducted by #ANDSF at the outskirts of #Kunduz provincial center, last night.
— Ministry of Defense, Afghanistan (@MoDAfghanistan) July 30, 2021
Also, 2 hideouts, some amount of their weapons & amos were destroyed.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान नेशनल डिफेंस सिक्योरिटी फोर्सेस (ANDSF), अमेरिकी सहयोग से तालिबान को लगातार पीछे धकेलने में लगी हुई है। अफगानिस्तान से पूरी तरह बाहर होने के पहले अमेरिका फाइटर और ड्रोन विमानों की मदद से तालिबानी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर रहा है। इस कार्रवाई में सैकड़ों की तादाद में तालिबानी मारे गए हैं। इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के 85 फीसद इलाके पर कब्ज़ा करने का दावा किया था। किन्तु अब अफगानिस्तान की सेना ने कई गाँवों और राजमार्गों से लगे इलाकों में उसे पीछे धकेल दिया है। अफगानिस्तान के गजनी, तकहार, कंधार, हेलमंद और बघलान सहित 20 प्रांतों में अफगानिस्तानी आर्मी ने अपना प्रभाव बढ़ा लिया है।
#ANDSF & Public Uprising Forces with support from #AAF recaptured the Guzara district of #Herat province, from #Taliban terrorists control today.
— Ministry of Defense, Afghanistan (@MoDAfghanistan) July 30, 2021
Over 100 #Talib terrorists were killed & wounded as result.
Additionally, a large amount of their weapons & amos were destroyed. pic.twitter.com/pMPXNvyxrr
पहले खबर आई थी कि तालिबान एक रणनीति के तहत अफगानिस्तान के भीतर इंफ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करने में लगा हुआ है। साथ ही उसके लड़ाके सड़कों सहित सैन्य चौकियों पर भी अपना कब्जा जमाना चाहते हैं ताकि अफगानिस्तान की आर्मी को कार्रवाई करने से रोका जा सके। तालिबान की इसी रणनीति को भांपते हुए अफगानिस्तान की सरकार ने मयमाना-अकीना, हैरातन-काबुल-तोरखाम, स्पिन बोल्डाक-कंधार शहर-लश्करगाह और इस्लाम कला-हेरात राजमार्गों की सुरक्षा पुख्ता कर दी है। तालिबान की इस रणनीति में पाकिस्तान को भी सहयोगी माना जा रहा है, क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ISI द्वारा अफगानिस्तान में भारत के द्वारा निर्मित इंफ्रास्ट्रक्चर को टारगेट बनाने की बात कही जा रही थी।
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