काबुल: अफगानिस्तान से अमेरिकी और विदेशी सेनाओं के जाने के बाद से हालात लगातार बदतर हो रहे हैं. आतंकी संगठन तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है और यहां के नागरिकों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं. जब से तालिबान सत्ता पर काबिज हुआ है, तब से देश में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोगों अपनी बेटियां बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं. ऐसी ही एक कहानी है कि पूर्व पुलिस कर्मी मीर नाजिर की, जो अपने परिवार का पेट भरने के लिए अपनी लाड़ली को बेचने को तैयार हो गए हैं.
ब्रिटिश अखबार द टाइम्स ऑफ लंदन की एक खबर के अनुसार, नाजिर महज 580 डॉलर यानी भारतीय रुपयों में लगभग 43,000 रुपए के लिए अपनी पुत्री को बेचने के लिए तैयार हैं. उनके परिवार में सात सदस्य हैं और वो इन सातों को भूख से बचाने के लिए विवश हैं. 4 वर्ष की उनकी बेटी साफिया घर में सबसे छोटी है और नाजिर को उम्मीद है कि ऐसा करने से उनकी बेटी की जान भी बच जाएगी. नाजिर ने बताया है कि वो अपनी बच्ची को बेचने के लिए कुछ लोगों से बातचीत भी कर रहे हैं. बता दें कि नाजिर 15 अगस्त के पहले तक अफगान पुलिस में एक छोटे से कर्मचारी थे. तालिबान ने जैसे ही देश पर कब्जा किया, उनकी नौकरी चली गई. सारी बचत भी खत्म हो गई हैं और अब परिवार का पेट कैसे भरें, ये बड़ा सवाल उनके सामने पैदा हो गया है.
घर का किराया भी चुकाना है और ऐसी स्थिति में नाजिर को बेटी को बेचने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है. 38 वर्षीय नाजिर ने बताया, ‘मैं अपनी बेटी को बेचने के बजाए मरना पसंद करूंगा. लेकिन मेरी मौत से मेरे परिवार के किसी सदस्य का कोई भला नहीं होगा. फिर मेरे बच्चों को कौन खिलाएगा.’ आंखों में आंसू लिए नाजिर ने कहा कि, ‘ये मेरी पसंद या मेरे पास मौजूद विकल्प की बात नहीं है, बल्कि यह मायूसी और बेचैनी के बारे में है.’
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