काबुल: अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने आतंकी संगठन तालिबान के सामने झुकने से साफ़ इनकार कर दिया है। उन्होंने मंगलवार को खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। सालेह का कहना है कि इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बहस करना निरर्थक है, हम अफगानिस्तानियों को अपनी जंग खुद ही अपनी लड़नी होगी। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और NATO ने भले ही हिम्मत खो दी हो, किन्तु हमारी उम्मीद अभी शेष है।
#Afghanistan's First Vice President Amrullah Saleh declares himself caretaker president of the country; says he is "reaching out to all leaders to secure their support & consensus" pic.twitter.com/SUG3e7vLCL
— ANI (@ANI) August 17, 2021
सालेह ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'स्पष्टीकरण: अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफे या मृत्यु की हालत में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। मैं इस वक़्त अपने देश में हूँ और वैध कार्यवाहक प्रेसिडेंट हूँ। मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूँ।' वहीं, अफगानिस्तान से फ़ौज को वापस बुलाने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को अपने ही देश में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अब डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद जिम लैंगविन ने लेख लिखकर कहा है कि उन्होंने सेना वापसी का विरोध किया था। डेमोक्रेट नेता ने अफगानिस्तान की हालिया स्थिति पर सवाल उठाए हैं।
विदेश नीति पर अपने लेख में उन्होंने कहा कि, 'मई 2021 में सेना वापसी को लेकर U.S. House Armed Services Committee की एक मीटिंग हुई थी। इसमें लैंगविन ने सेना के वरिष्ठ अधिकारी से सवाल किया था कि यदि अफगानिस्तान से सेना की वापसी के बाद वहाँ की स्थिति बिगड़ती है और अफगान सरकार सहायता माँगती है, तो अमेरिका का क्या स्टैंड होगा? इस पर अधिकारी ने कहा था कि वो काल्पनिक सवालों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहते हैं। लैंगविन ने लेख में आगे कहा है कि समिति के सभी सदस्यों ने इससे संबंधित सवाल पूछे थे, किन्तु उन्हें कोई तर्कसंगत जवाब नहीं मिला था।”
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