काबुल: तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जे के पश्चात् अब देश पर बंदिशों का दौरा आरम्भ हो गया है। IMF ने अफगानिस्तान पर उसके संसाधानों के माध्यम से प्राप्त होने वाली सहायता पर पाबंदी लगा दी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि अफगानिस्तान IMF के संसाधनों का उपयोग नहीं कर सकेगा। इसमें स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स रिजर्व के तहत जारी नया आवंटन भी सम्मिलित है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, IMF ने इस निर्णय के पीछे का कारण भी बताया है। IMF का कहना है कि काबुल में तालिबान के कब्जे के पश्चात् वहां की सरकार को मान्यता देने को लेकर स्पष्टता की कमी है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक, अप्रैल तक अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास 9।4 अरब डॉलर की आरक्षित संपत्ति थी। यह देश के वार्षिक राजस्व का तकरीबन एक तिहाई है। संपत्ति का एक बड़ा भाग अफगानिस्तान में नहीं है। इस केस से परिचित सूत्र के हवाले से कहा कि अफगान सरकार के अरबों डॉलर अमेरिका में रखे गए हैं।
दूसरी तरफ रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन प्रशासन ने सोमवार को अमेरिकी बैंकों में रखी अफगान सरकार की संपत्ति को फ्रीज कर दिया। इससे तालिबान अमेरिकी बैंकों से अफगानिस्तान के खजाने को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। एक अफगान अफसर के मुताबिक, देश के केंद्रीय बैंक द अफगानिस्तान बैंक (डीएबी) के पास विदेशी मुद्रा, सोना तथा अन्य खजाना है।
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