नई दिल्ली: ISRO के मून मिशन के तहत चंद्रयान 3 की लैंडिंग ने भारत ही नहीं पुरे विश्व में उत्साह उत्पन्न कर दिया था। हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संपन्न हुए BRICS शिखर सम्मेलन में बने माहौल पर वार्ता की। उन्होंने बताया कि लैंडिंग के पश्चात् ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने पीएम नरेंद्र मोदी के बगल में बैठने की घोषणा कर दी थी। इतना ही नहीं सम्मेलन में उपस्थित अन्य देशों के प्रतिनिधि भी प्रधानमंत्री मोदी को शुभकामनाएं देने के लिए जुट गए थे।
वही एक कार्यक्रम के चलते जयशंकर ने बताया कि लैंडिंग के पश्चात् जोहन्सबर्ग में कई BRICS नेताओं की ओर से प्रतिक्रिया आई थी। उन्होंने कहा, 'जब हम वहां पहुंचे, तो चंद्रयान को लेकर कुछ बातें हो रही थीं। अगले दिन (लैंडिंग यानी 23 अगस्त) को हम प्रातः के सत्र में सम्मिलित हुए तथा प्रधानमंत्री मोदी ISRO के साथ जुड़ने के लिए चले गए... दूसरे दिन तक BRICS में भी बातचीत पूरी तरह चंद्रयान पर आ गई थी...।' विक्रम की लैंडिंग के पश्चात् प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स नेताओं की इसके बारे में कुछ जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बधाई के लिए राष्ट्रपति रामफोसा का भी धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस सफलता को एक केवल देश की सफलता के रूप में न मानते हुए मानवता की सफलता के तौर पर स्वीकार किया गया।' जयशंकर बताते हैं कि ब्रिक्स सम्मेलन के चलते चंद्रयान को लेकर बहुत उत्साह था। उन्होंने कहा, 'मुझे याद है कि एक लंबी U आकार की टेबल थी, जहां 100-150 लोग बैठे हुए थे। लोग अचानक उठे और प्रधानमंत्री को बधाई स्वीकार करने के लिए पूरी टेबल के लोगों के पास जाना पड़ा। एहसास होने लगा था कि यह सिर्फ भारत की सफलता नहीं है।' जयशंकर ने कहा, 'मैं कमरे में ही था (विक्रम लैंडिंग के समय ब्रिक्स सम्मेलन में)... जहां कोने में एक बड़ी स्क्रीन लगी हुई थी। बिना ध्यान भटकाए बात करना मुश्किल हो रहा था।' उन्होंने बताया, 'एक मौके पर राष्ट्रपति रामफोसा ने स्क्रीन की ओर संकेत करते हुए कहा कि विदेश मंत्री आप ऐसे देख रहे हैं, जैसे चंद्रयान वहीं पर है।'
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