आफताब शिवदासानी इन दिनों बॉलीवुड में नहीं नजर आते हैं. ऐसा लगता है मानो उन्होंने इंडस्ट्री को बाय बाय कर दिया हो लेकिन अब तक इस बारे में उन्होंने खुद कभी कोई बात नहीं की है. एक समय था जब उनका फिल्मों में एक अलग ही अंदाज रहा करता था. लोग उनके दीवाने हो गए थे. साल 1999 में बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर के साथ उन्होंने फिल्म मस्त में काम किया था. उस फिल्म के बाद वह कई फिल्मों में दिखाई दिए लेकिन फिर भी कदम नहीं जमा पाए.
ऐसे में अब हाल ही में आफताब शिवदासानी ने अपने करियर के बारे में बात की है. एक वेबसाइट से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'साल 2000 के आसपास बॉलीवुड में इस ग्रुपिज्म को कैम्पिजम के नाम से जाना जाता था. उस वक्त लोग अलग-अलग अभिनेताओं के बारे में कहते थे कि यह यशराज कैंप से जुड़ा है. यह भट्ट कैंप का है. यह किसी और कैंप से जुड़ा है.' इसके आलावा आफताब ने कहा कि, 'मेरे बारे में कभी भी ऐसा कुछ नहीं कहा जा सका. वह इसलिए कि कई प्रोड्यूसर्स के साथ मैंने काम किया है. इन सभी के साथ मेरा व्यवहार दोस्ताना था. हालांकि, इनमें से किसी के भी बहुत करीब मैं कभी भी नहीं रहा.'
इसी के साथ आगे आफताब शिवदासानी ने कहा कि, 'विक्रम भट्ट के साथ उन्होंने अपने करियर में 9 फिल्में कीं. रामगोपाल वर्मा के साथ भी उन्होंने 5-6 फिल्मों में काम किया. इस दौरान मैं कभी भी किसी कैंप का हिस्सा नहीं बना.' आप सभी जानते ही होंगे इन दिनों नेपोटिज्म के बारे में बहस तेज है. इसी बीच आफताब का सामने आना भी जरुरी था. वहीं उन्होंने करण जौहर के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, 'वे मेरे दूर के रिश्तेदार भी हैं. फिर भी उनके साथ कभी भी मेरा करीबी रिश्ता नहीं रहा है.' अपने करियर के बारे में बात करते हुए एक्टर ने कहा, 'कई फिल्में और किरदार मुझे ऑफर किए गए थे, लेकिन मैंने उन्हें रिजेक्ट कर दिया. इनमें से कई में मुझे थर्ड या फोर्थ लीड दिया जा रहा था. मैं इन्हें नहीं करना चाहता था. पूरे सम्मान के साथ मैंने इन फिल्मों में काम करने से इंकार कर दिया था.'
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