नई दिल्ली: 12 नवंबर 2022 की दिल्ली की वो हृदयविदारक घटना आज तक देश नहीं भूला है और न ही कभी भूल पाएगा। जब दिल्ली पुलिस ने साउथ के महरौली इलाके में श्रद्धा वाल्कर के 35 टुकड़े करने वाले आरोपी और लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला को अरेस्ट किया था। आफताब ने श्रद्धा की गला घोंट कर उसका कत्ल किया और फिर शव के 35 टुकड़े कर कई दिन तक फ्रिज में रखा था। इन टुकड़ों को वो धीरे-धीरे जंगलों में फेंकने लगा। अब इसी आरोप में जेल में कैद आफताब पर आज दिन मंगलवार को आरोप तय किए गए है।
श्रद्धा के पिता ने अंतिम संस्कार के लिए मांगे बेटी के अवशेष :-
बता दें कि, पहले 29 अप्रैल को आफताब के खिलाफ आरोप तय किए जाने थे, मगर बाद में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल पाहुजा ने इसे स्थगित कर दिया, क्योंकि उस दिन संबंधित जज अवकाश पर थे। कोर्ट ने श्रद्धा के पिता विकास वाल्कर की याचिका पर सुनवाई 9 मई तक टाल दी थी। वहीं इसमें पीड़िता के पिता विकास वाल्कर ने कोर्ट से यह भी विनती की थी कि उनकी बेटी के अवशेष अंतिम संस्कार के लिए उन्हें सौंप दिया जाए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी आफताब पूनावाला पर साकेत कोर्ट ने IPC 302 (कत्ल) और 201 (सबूतो को नष्ट करने) के तहत आरोप तय किए हैं। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जो साक्ष्य पेश किए है, उसको देखते हुए आफताब पर पहली नज़र में इन आरोप के तहत केस बनता है।
अपने बयान से मुकरा आफताब पूनावाला:-
वहीं, अब श्रद्धा के 35 टुकड़े करने वाला आफताब पूनावाला अपने बयान से मुकर गया है और उसने अपने ऊपर लगे इन तमाम आरोपों को मानने से ही इंकार कर दिया है। उसका कहना है कि वह केस लड़ेगा। ध्यान रहे कि जब पुलिस ने आफताब का नार्को और पॉलीग्रॉफ टेस्ट करवाया था, तब आरोपी ने श्रद्धा को मारने और टुकड़े करने की बात स्वीकार की थी। वहीं पीड़िता के पिता विकास ने मार्च में मुकदमे की सुनवाई के दौरान कहा था कि उनकी बेटी की मौत को मई में एक साल हो जाएंगे और अब तक उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि आफताब को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
आफताब को नहीं था श्रद्धा की हत्या का अफ़सोस:-
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी थी कि पूछताछ के दौरान आफताब ने कहा है कि श्रद्धा के कत्ल के आरोप में उसे फांसी भी हो जाए, तो भी अफसोस नहीं, क्योंकि जन्नत में हूरें मिलेगी। साथ ही आफताब ने यह भी खुलासा किया था कि श्रद्धा से रिश्ते के दौरान 20 से अधिक हिंदू लड़कियों से उसके संबंध रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारी ने बताया था कि आफताब ने खुलासा किया कि वह 'बंबल एप' पर ख़ास कर हिंदू लड़कियों को खोजता था, और उन्हें अपना शिकार बनाता था। दरिंदे आफताब ने बताया कि, श्रद्धा की हत्या के बाद वह एक मनोविज्ञानी को अपने रूम पर लेकर आया था, वह भी हिंदू ही थी। इस हिन्दू लड़की को उसने श्रद्धा की अंगूठी तोहफे में देकर अपना शिकार बनाया था, इसके साथ ही उसने अन्य कई हिंदू लड़कियों को भी इस तरह शिकार बनाया है। आफताब को श्रद्धा का क़त्ल करने का कोई दुख नहीं है। उसे श्रद्धा के शव के टुकड़े कर फेंकने का जरा भी अफसोस नहीं है।
आफताब को किसने दिया जन्नत और हूरों का ज्ञान ?
हालाँकि, आफताब के इस बयान से बड़ा सवाल ये उठता है कि, उसके ऐसे कौन से अच्छे कर्म थे, जो वह जन्नत की उम्मीद पाल रहा है ? क्या केवल हिन्दू लड़कियों को फंसाकर उनके साथ संबंध बनाने मात्र से ही उसे जन्नत मिल सकती थी ? ये ज्ञान उसे किसने दिया होगा कि, हिन्दू लड़कियों को फंसाकर उनकी भावनाओं और जिस्मों के साथ खेलकर, यहाँ तक कि, उनकी हत्या भी करने के बाद उसे जन्नत यानी स्वर्ग मिल सकता है और वहां बैठा परमेश्वर उसे भोगने के लिए हूरें देगा ? क्योंकि, इस तरह की बातें हमने आज तक जैश, या लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के खूंखार आतंकियों से ही सुनी हैं, जो जन्नत और हूरों के लिए निर्दोषों के बीच छाती पर बम बाँधकर फट जाते हैं। युवाओं में इस तरह का जहर भरने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, वरना ये नरपिशाच इसी तरह भोली-भाली लड़कियों के जिस्मों और जिंदगियों से खेलते रहेंगे।
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