नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर कुवैत जा रहे हैं। यह दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा हो रहा है। इससे पहले 1981 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी। पीएम मोदी के इस दौरे का उद्देश्य भारत और कुवैत के संबंधों को और मजबूत बनाना है।
आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी 21 और 22 दिसंबर को कुवैत में रहेंगे। उनका यह दौरा कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के आमंत्रण पर हो रहा है। उल्लेखनीय है कि 2009 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति और कांग्रेस नेता हामिद अंसारी ने भी कुवैत का दौरा किया था, लेकिन प्रधानमंत्री स्तर पर यह दौरा चार दशकों के बाद हो रहा है। पीएम मोदी की यात्रा का कार्यक्रम बेहद व्यस्त है। उनके विमान के कुवैत पहुंचने का समय भारतीय समयानुसार सुबह 11:35 बजे तय किया गया है। कुवैत पहुंचने के बाद, दोपहर 2:50 बजे प्रधानमंत्री एक स्थानीय श्रमिक शिविर का दौरा करेंगे। इसके बाद वे शेख साद अल अब्दुल्लाह इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में लगभग 4000-5000 भारतीय नागरिकों के भाग लेने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान गल्फ कप फुटबॉल के उद्घाटन समारोह में भी शिरकत करेंगे। अगले दिन उनका कार्यक्रम कुवैत के अमीर और क्राउन प्रिंस के साथ आधिकारिक बैठक के साथ जारी रहेगा। इस बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन और व्यापारिक रिश्ते प्रमुख हैं। इसके अलावा, स्थानीय मुद्रा में कारोबार बढ़ाने को लेकर भी बातचीत की जाएगी।
कुवैत में भारतीय समुदाय प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर काफी उत्साहित है। वहां करीब 10 लाख भारतीय रहते हैं, जो विदेशी नागरिकों की सबसे बड़ी आबादी का हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारतीय समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों में नई मजबूती आने की उम्मीद है। कुवैत में प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत की भव्य तैयारियां की गई हैं। भारतीय समुदाय के लोग उनसे मिलने को लेकर उत्साहित हैं और इस दौरे को ऐतिहासिक मान रहे हैं।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को और बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। खासतौर पर ऊर्जा और कारोबारी संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के प्रयास किए जाएंगे। यह दौरा दोनों देशों के लिए एक नए युग की शुरुआत करने वाला साबित हो सकता है।