राजस्थान: राजस्थान के जयपुर की पुलिस ने रमीज नाम के एक ऐसे शिक्षक को गिरफ्तार किया है, जो बच्चों से घिनौनी हरकतें करवाता था। स्वयं भी यौन शोषण करता था। बच्चों की क्लिपिंग बनाकर उन्हें बार-बार घिनौनी हरकतें करने के लिए मजबूर करता था। इतना ही नहीं बच्चों के यौन शोषण वाली वीडियो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट करता था।
पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि रमीज जयपुर के एक निजी स्कूल में कार्यरत था। लेकिन जानकारी होने के बाद भी इस स्कूल के निदेशक सरवर आलम ने रमीज के खिलाफ कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की। इसी का नतीजा रहा कि स्कूल से निकाले जाने के बाद भी रमीज स्कूल वाले बच्चों को जबरन अपने घर पर भी बुलाकर घिनौना कृत्य करता रहा।
यदि सरवर आलम पहले ही रमीज के कृत्यों की जानकारी पुलिस को दे देता तो अनेक बच्चे उसकी हरकतों से बच सकते थे। रमीज को बचाने के आरोप में ही पुलिस ने अब सरवर को भी गिरफ्तार कर लिया है। सरवर और रमीज को अपने कुकृत्यों की सजा कब मिलेगी, यह तो पुलिस और अदालत पर निर्भर करता है। लेकिन समाज के सामने यह सवाल भी उठता है कि आखिर माता-पिता अपने बच्चों का ध्यान क्यों नहीं रखते।
क्या किसी स्कूल में दाखिला करवाकर अभिभावक अपनी जिम्मेदारी पूरी समझ लेते हैं? सरवर और रमीज का यह कोई पहला मामला नहीं है। बच्चों के साथ यौन शोषण के समाचार अक्सर सामने आते हैं। ऐसे में माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि वे स्कूल में पढऩे वाले अपने बच्चों का ख्याल रखें। जो बच्चे छोटी उम्र के हैं, उनका तो और ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।
जयपुर जैसे बड़े शहरों में माता-पिता दोनों ही नौकरी पर जाते हैं। ऐसे में बच्चों के साथ खाना खाने अथवा इधर-उधर की बात करने का अवसर ही नहीं मिलता। मध्यम और गरीब परिवारों की अपनी मजबूरियां हो सकती हैं, लेकिन धनाढ्य परिवारों में अलग-अलग बैडरूम होते हैं। दो-तीन बच्चों के पैदा हो जाने के बाद भी धनाढ्य परिवारों में पति-पत्नी अपने बैडरूम में और बच्चे अपने कमरे में सोते हैं।
जबकि होना यह चाहिए कि मां अपनी बेटी और पिता अपने बेटे के साथ सोए। दुनिया में बेटी के लिए सबसे अच्छी दोस्त मां ही होती है। यदि रात के समय मां अपनी बेटी और पिता अपने बेटे से दिनभर की जानकारी शेयर करेंगे तो फिर न तो बच्चों का यौन शोषण होगा न ही बच्चे गलत रास्ते पर जाएंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा तब होगा, जब बच्चे उच्च शिक्षा के लिए बाहर पढऩे जाएंगे। हमारे घर-परिवार में तनाव करवाने में टी.वी. सीरियल की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है। ऐसे समाज विरोधी सीरियलों से भी बचना चाहिए।
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