स्मोकिंग यानी धूम्रपान सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक है। यह केवल फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, बहुत से लोग मानते हैं कि स्मोकिंग का असर सिर्फ लंग्स पर होता है, जबकि वास्तविकता कुछ और है।
स्मोकिंग का असर लंग्स पर
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, सिगरेट और बीड़ी पीना फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है। लगभग 90% लंग्स कैंसर के मामलों में सिगरेट ही जिम्मेदार होता है। स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को पुरुषों की तुलना में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम अधिक होता है।
हार्ट पर प्रभाव
सिर्फ फेफड़े ही नहीं, धूम्रपान हार्ट की सेहत को भी प्रभावित करता है। जब शरीर में निकोटीन पहुंचता है, तो ब्लड वेसल्स संकुचित हो जाते हैं, जिससे ब्लड फ्लो रुक जाता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और खून के थक्के जम सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।
दिमाग पर प्रभाव
स्मोकिंग का असर दिमाग पर भी होता है। यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है, जो दिमाग को कंट्रोल करता है। तंबाकू और निकोटीन दिमाग की नसों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सोचने और समझने की क्षमता घट सकती है। इससे स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर
धूम्रपान से डाइजेस्टिव सिस्टम भी प्रभावित होता है। यह कब्ज, अपच, गैस, एसिडिटी और भूख न लगने जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। लंबे समय तक ज्यादा सिगरेट पीने से डायबिटीज भी हो सकती है।
दांतों पर प्रभाव
स्मोकिंग दांतों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इससे मसूड़ों में गंभीर इंफेक्शन हो सकता है और दांत खराब हो सकते हैं। इसलिए, यह सोचना कि स्मोकिंग सिर्फ फेफड़ों के लिए खतरनाक है, पूरी तरह गलत है। धूम्रपान से शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि आप धूम्रपान की आदत को छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, तो यह आपके पूरे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होगा।
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