सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर पहुंचे जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने ‘बाल संत’ अभिनव अरोड़ा को मंच से उतारे जाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अभिनव का स्वभाव ऐसा है कि वह संतों के पास जाकर चंचलता तथा हलचल करता है। मेरी कथा एक गंभीर विषय पर चल रही थी, इसलिए उसे मंच से उतारा गया, क्योंकि मेरी कुछ मर्यादाएं हैं। हालांकि, अभिनव के प्रति कोई द्वेष नहीं है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अभिनव अरोड़ा रामभद्राचार्य महाराज के मंच पर दिखाई दे रहा है। आरती के चलते वह मंच पर जयकारे लगाता तथा इधर-उधर टहलता नजर आता है, जिस पर रामभद्राचार्य उसे मंच से नीचे उतरने के लिए बोलते हैं। इस वायरल वीडियो पर अभिनव अरोड़ा ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि इसे बड़ा मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है? उन्होंने यह भी बताया कि इसके पश्चात् रामभद्राचार्य जी ने उन्हें अपने कक्ष में बुलाकर आशीर्वाद भी दिया। विजेथुआ महोत्सव में राम कथा करने पहुंचे रामभद्राचार्य महाराज से इस घटना पर सवाल किया गया तो उन्होंने दोहराया कि अभिनव से कोई द्वेष नहीं है। चूंकि कथा एक गंभीर विषय पर थी और मेरी कुछ मर्यादाएं हैं, इसलिए उसे मंच से उतरने को कहा गया। बच्चों या किशोरों द्वारा राम कथा या भागवत कथा कहने पर उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है, इससे हिन्दू धर्म को नुकसान हो रहा है।
वहीं, अभिनव को धमकी मिलने के सवाल पर रामभद्राचार्य ने कहा कि इसके बारे में वही और उनके लोग ही जानें, मैं कुछ नहीं जानता। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटोगे तो कटोगे’ बयान का समर्थन करते हुए रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कई प्रदेशों में अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ने पर उन्हें विशेष लाभ देना गलत है तथा समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए।
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