नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में बीते 5 अगस्त से केन्द्र सरकार की तरफ से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से राज्य में 106 कानून और संविधान के नौ संविधान संशोधन लागू होंने वाले हैं. हाल ही में एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी दी है. जी दरअसल सरकार ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को हटाने के लाभों की जानकारी लोगों को देने के लिए अखबारों के पहले पृष्ठ पर विज्ञापन दिए हैं. वहीं दूसरी तरफ कश्मीर घाटी में आज 65वें दिन भी जनजीवन प्रभावित ही रहा और यहां लोग राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के अलावा अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध कर रहे हैं.
इस बारे में एक प्रवक्ता ने कहा कि ''अनुच्छेद 370 हटाने से पहले जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्रीय कानून सीमित थे. राज्य विधानसभा में इसे पारित करने से पहले कोई केंद्रीय कानून लागू नहीं हो सकता, जिसके परिणाम स्वरूप कई कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं हो सकते हैं, जिससे इन विधानों के लाभ से स्थानीय निवासियों को वंचित किया जा सके.'' इसी के साथ आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ''जम्मू-कश्मीर में कई प्रगतिशील कानून जैसे राष्ट्रीय आयोग के लिए अल्पसंख्यक अधिनियम, शिक्षा अधिकार अधिनियम, अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाब और कल्याण अधिनियम और अन्य अधिनियम बच्चों और दिव्यांगों के लिए लागू होंगे.''
वहीं प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि, ''जम्मू-कश्मीर में मजबूत कानूनों की कमी के कारण भ्रष्टाचार और कमजोर जवाबदेही के कारण बहुत सारा धन गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है. अब व्हिसल ब्लोअर अधिनियम सहित सभी भ्रष्टाचार निरोधक केन्द्रीय कानून राज्य में लागू होंगे. इन कानूनों के कारण पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी और लोगों के लिए लगाए गए धन वास्तव में लाभार्थियों तक पहुंचेंगे.'' इसी के साथ आगे उन्होंने कहा कि, ''सभी के लिए विशेष रूप से गरीबों के बच्चों के लिए शिक्षा सुविधाओं में महत्वपूर्ण बदलाव आयेगा. सरकार शिक्षा, औद्योगीकरण और पर्यटन पर ज्यादा ध्यान देगी.''
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