लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में अब दो से ज्यादा बच्चे वाले अभिभावकों की समस्याएं बढ़ने वाली हैं। दरअसल प्रदेश के विधि आयोग ने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना आरम्भ कर दिया है। इसके तहत अब राशन तथा अन्य सब्सिडी में कटौती के तमाम पहलुओं पर विचार आरम्भ कर दिया गया है। इसके पश्चात् उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना राजनीतिक नफा-नुकसान देखते हुए प्रतिक्रिया दे रही हैं।
आपको बता दें कि संबंधित आयोग, फिलहाल राजस्थान तथा मध्य प्रदेश सहित कुछ अन्य प्रदेशों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा है। शीघ्र ही वह अपना प्रतिवेदन तैयार कर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार को सौंपेगा। आबादी पर नियंत्रण के लिहाज से देश की सबसे अधिक आबादी वाले यूपी में अब दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों के लिए आने वाले दिनों में समस्याएं बढ़ने वाली हैं।
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस निर्णय को लेकर सियासत गरमा गई है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि इस मामले को लेकर देश में एक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति लागू है तथा निश्चित तौर पर उसका पालन होना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि राज्य विधि आयोग ने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की है। भाजपा नेता ने ये भी कहा कि आयोग ने कुछ सुझाव भी भेजे हैं लिहाजा इस पर किसी को दो राय नहीं होनी चाहिए की राज्य के संसाधनों पर बढ़ती हुई आबादी भारी पड़ रही है।
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