कोरोना के बाद HMPV वायरस दे रहा है दस्तक ! चपेट में आये एशिया के कई देश

कोरोना के बाद HMPV वायरस दे रहा है दस्तक ! चपेट में आये एशिया के कई देश
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कोरोना वायरस से जूझने के बाद अब नया संक्रमण तकलीफ दे सकता है। SARS, ओमिक्रोण और ज़ीका जैसे वायरस को वापस झेलने के बाद अब मानवीय जीवन में कोरोना के तरह ही एक और वायरस ने दस्तक दी है। यह दस्तक मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) नामक वायरस ने एशियाई देशों में दी है। खबर के मुताबिक, इसका सबसे बुरा असर चीन में दिख रहा है। चीन की बुरी हालात के वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहे है। ऐसी खबर है कि चीन में इस वायरस से लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे है, जिस वजह से वहां के अस्पतालों में इमरजेंसी की हालात बन चुकी है। अस्पतालों में वायरस से ग्रस्त नए मरीज़ों को भर्ती करने के लिए जगह तक नहीं बची है। खबर तो ऐसी भी आ रही है कि शमशान तक में जगह नहीं बची है। चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने पुष्टि की है कि इसका सबसे ज्यादा असर उत्तरी चीन में पड़ रहा है। हालांकि भारत में अभी इसका कोई प्रभाव नहीं है।

हालाकिं, चीन के अधिकारीयों और WHO ने अभी तक इमरजेंसी की स्थिति जारी नहीं की है। यह भी खबर आ रही है कि, चीन की वजह से इसका असर हांगकांग और जापान में भी देखने मिल रहा है। हांगकांग में इसके मामलों की मात्रा काफी कम है। वहीं, जापान की स्थिति काफी नाज़ुक है। जापान ने देश भर में हजारों मामलों की सूचना दी है। जापान के ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के मुताबिक, पूरे देश में 15 दिसंबर तक पिछले एक सप्ताह में 94,259 फ्लू रोगियों की सूचना मिली थी। जिसके बाद जापान में मौजूदा सीज़न में मामलों की संख्या अब 718,000 तक पहुंच गई है। इस स्थिति को देखते हुए जापान के स्वास्थ्य अधिकारी इसके समाधान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे है।

क्या है HMPV वायरस ?

HMPV वायरस न्यूमोविरिडे के परिवार से आता है, जिसमें रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) भी शामिल है। इस वायरस की खोज 2001 में हुई थी। इसे पहली बार डच के विद्वानों द्वारा खोजा गया था। सीरोलॉजिकल अध्ययनों के मुताबिक, यह कम से कम पिछले 60 सालो से धरती पर है। इस वायरस को वैज्ञानिकों द्वारा खोजे हुए 24 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसकी वैक्सीन नहीं बन पाई है। यह वायरस सभी उम्र के व्यक्तियों में श्वांस की परेशानी पैदा करता है।

क्या है HMPV के लक्षण ?

इस वायरस के लक्षण आम तौर पर सर्दियों के मौसम में होने वाले दुसरे वायरल के संक्रमणों के समान ही होते है। इसके लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार, नाक बंद और सांस लेने में तकलीफ होना शामिल है।

कैसे फैलता है HMPV?

कोरोना की तरह यह वायरस भी दुसरे मनुष्य के संपर्क में आने से फैलता है। अगर कोई मनुष्य इस वायरस से संक्रमित है और वह आपके सामने छींकता है, तो उसके मुँह से निकले बैक्टीरिया से आप भी इस वायरस से ग्रस्त हो सकते है।  

कैसे बचे इस वायरस से?

स्वास्थ्य अधिकारी ने इस वायरस से बचने के लिए बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोने का सुझाव दिया है। इसके अलावा बार-बार अपनी आंखों, नाक या मुंह को हाथों से छूने से बचें। किसी भी बीमार इंसान के साथ थोड़ी दूरी बनाये रखे। वहीं, जिन्हे सर्दी जुखाम जैसे लक्षण हैं वह बाहर निकलते समय, छींकते और खांसते समय मास्क पहनन कर निकले। साथ ही जितना हो सके बाहर निकलने से उतना बचे।  

HMPV वायरस का असर आमतौर पर 4 से 6 दिन तक रहता है। अगर आपको इसका इससे ज्यादा दिन तक असर है, तो तुरंत किसी पास ही के डॉक्टर से संपर्क करे।

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