नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के पश्चात् अब जीका वायरस का कहर टूटा पड़ा है। जीका संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं। चिकित्सकों ने भी जीका संक्रमण को लेकर चेतावनी दी है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीका संक्रमण में मृत्यु दर कोरोना संक्रमण से अधिक है। यूपी Eके कानपुर में जीका संक्रमण का हमला तेज होता जा रहा है। बीते 24 घंटे में 13 नए केस सामने आने से हंगामा मच गया है। शहर में अब तक प्राप्त हुए जीका वायरस संक्रमितों का आँकड़ा 79 हो गया है। वहीं कन्नौज में भी जीका संक्रमण का पहला मामला सामने आ चुका है।
बता दें कि देश में सबसे पहले गुजरात में वर्ष 2017 में 3 एवं 2018 में 1 मामला सामने आया था। फिर वर्ष 2017 में तमिलनाडु में 1 केस सामने आया। वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में अचानक जीका संक्रमण के केस बढ़े तथा 130 व्यक्ति संक्रमित पाए गए। इसी वर्ष 2018 में ही राजस्थान में जीका संक्रमण के 159 केस सामने आए। केरल में वर्ष 2021 में जीका संक्रमण के केस अचानक सामने आने लगे। तब वहां 64 मामले थे। इसी के चलते महाराष्ट्र में जीका संक्रमण का एक मामला सामने आया तथा अब कानपुर और कन्नौज के मिलाकर उत्तर प्रदेश में 80 केस हो चुके हैं। बता दे कि पहली बार वर्ष 1947 में जीका संक्रमण की पहचान हुई। युगांडा के जीका जंगल में संक्रमण प्राप्त हुआ था। जीका जंगल के नाम पर ही संक्रमण का नाम रखा गया। जीका संक्रमण मच्छर के माध्यम से फैलता है। जीका संक्रमण के लक्षण डेंगू जैसे हैं। मगर जीका संक्रमण, डेंगू से अधिक घातक है। बुखार आना, शरीर पर निशान पड़ना तथा जोड़ों में दर्द इसके लक्षण हैं।
जीका संक्रमण के लक्षण:-
जीका संक्रमण के लक्षण सिरदर्द, बुखार, आंखों का लाल होना, शरीर पर चकत्ते पड़ना, मांसपेशियों में दर्द तथा जोड़ों में दर्द होना है। जीका संक्रमण एक मच्छर जनित बीमारी है, जो एडीज मच्छर से फैलती है। मच्छरों की यही प्रजाति डेंगू तथा चिकनगुनिया की भी वजह बनती है। जीका संक्रमण के शिकार व्यक्तियों में अक्सर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं या फिर इसके लक्षण बहुत हल्के हो सकते हैं।
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