कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम पर हमले के कुछ घंटों बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछा कि टीम आधी रात के बाद छापेमारी के लिए क्यों पहुंची थी। मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल किया कि क्या टीम के पास विषम समय में छापेमारी करने के लिए आवश्यक अनुमति थी। हालाँकि, हमले के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमे साफ़ दिख रहा है की ये दिन की घटना है, ऐसे में ममता बनर्जी का बयान अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। क्या वे अपराधियों के बचाव में बयान दे रहीं हैं या फिर उन्हें पूरी जानकारी नहीं हैं?
देख लो हिंदुओं ममता दीदी के बंगाल की हालत ????
— Manoj Singh (@manojkrs29) April 6, 2024
अब तो NIA तक सुरक्षित नहीं है बंगाल में
आतंकियों नें NIA की टीम पर हमला करके कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए और दो जाबाज अफसर घायल हो गए
NIA के अधिकारी TMC के एक नेता के घर में 2022 में हुए विस्फोट मामले की जाँच के लिए वहाँ पहुँचे थे,… pic.twitter.com/7mudhNjkJN
बहरहाल, सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, "उन्होंने (NIA ने) आधी रात में छापेमारी क्यों की? क्या उन्होंने पुलिस से अनुमति मांगी थी? स्थानीय लोगों ने ठीक उसी तरह प्रतिक्रिया की जैसे वे तब करते जब कोई अन्य अजनबी आधी रात को उस स्थान पर आता।" केंद्र की आलोचना करते हुए और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का संदर्भ देते हुए सीएम बनर्जी ने पूछा, "वे चुनाव से ठीक पहले लोगों को क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं? क्या भाजपा सोचती है कि वे हर बूथ एजेंट को गिरफ्तार करेंगे? NIA के पास क्या अधिकार है? यह सब भाजपा का समर्थन करने के लिए किया जा रहा है। हम दुनिया से भाजपा की इस गंदी राजनीति के खिलाफ लड़ने का आग्रह करते हैं।''
उल्लेखनीय है कि, NIA अधिकारियों पर भूपतिनगर इलाके में लगभग 150 ग्रामीणों ने हमला किया, जहां वे 2022 बम विस्फोट मामले की जांच करने गए थे। NIA अधिकारियों की एक टीम 2022 में तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता के आवास पर हुए विस्फोट मामले में जांच करने के लिए सुबह 5:30 भूपतिनगर गई थी। बता दें कि 3 दिसंबर, 2022 को भूपतिनगर में एक ब्लास्ट हुआ था, जिसमें एक घर की पूरी की पूरी छत ही उड़ गई थी और 3 लोग मर गए थे। सूत्रों के अनुसार, NIA की टीम ने स्थानीय थाने को छापेमारी की सूचना पहले ही दे दी थी। हालाँकि, इस अधिसूचना के बावजूद, जब टीम ने अपना खोज अभियान शुरू किया तो पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा उपाय मुहैया नहीं कराए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि NIA अधिकारियों की एक टीम ने आज सुबह मामले के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया और वे कोलकाता वापस जा रहे थे, जब वाहन पर हमला हुआ। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "स्थानीय लोगों ने वाहन को घेर लिया और उस पर पथराव किया। NIA ने कहा है कि उसका एक अधिकारी भी घायल हो गया।" एनआईए ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। इस बीच, हमले पर टिप्पणी करते हुए, भाजपा की बंगाल इकाई ने घटना को "घृणित" बताया है।
एक्स पर भाजपा ने लिखा, "घृणित! TMC के गुंडों ने बेशर्मी से पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में NIA टीम पर पत्थरों से हमला किया, जिससे 2022 विस्फोट मामले की जांच बाधित हो गई। TMC का आतंक शासन समाप्त होना चाहिए! कानून और व्यवस्था बनाए रखने वाले वास्तविक नेतृत्व का समय आ गया है।" केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार के पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, "क्या ऐसा पहली बार हुआ है? प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर हमला हुआ या नहीं? संदेशखली का सच सामने आया या नहीं? अब NIA, क्योंकि जब एजेंसी आतंकवादी-संबंधित तत्वों को पकड़ती हैं, तो हमला होता है।"
बंगाल किसी और लेवल पर है। केंद्रीय क़ानून न मानने की राजनीति एक ज़िद में बदल रही है। कुछ फ़ायदे दो और सैकड़ों हज़ारों की भीड़ खड़ी कर दो। आज भी एनआईए की एक टीम पर हमला हुआ। २०२२ को एक बम विस्फोट के मामले इस केस की जाँच कर रही है एनआईए। इसी सिलसिले में मोनोब्रोतो जाना को गिरफ़्तार pic.twitter.com/arEm19ae1K
— Dhirendra Pundir (@dhirendrapundir) April 6, 2024
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता (LoP) सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि, "पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और चूंकि नियंत्रण अभी भारत के चुनाव आयोग के पास है, अब समय आ गया है कि चुनाव आयोग को भूपतिनगर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी, कोंताई के SDPO, पूर्व मेदिनीपुर जिले के एसपी और पश्चिम बंगाल पुलिस के महानिदेशक के खिलाफ उचित कार्रवाई करनी चाहिए।''
सुवेंदु अधिकारी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, "यह ममता बनर्जी के बार-बार उकसाने के कारण है कि संदेशखाली में ED अधिकारियों पर हमला होने के बाद भी, TMC नेता एनआईए अधिकारियों पर हमला करने की हिम्मत कर सकते हैं। ममता बनर्जी ने हाल ही में कूच बिहार के माथाभांगा में एक राजनीतिक कार्यक्रम में एनआईए के बारे में बुरा बोला था।"
संदेशखाली में भी हुआ था ED और CRPF पर हमला:-
बता दें कि 2 महीने पहले पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में राशन घोटाले में फँसे तत्कालीन TMC नेता शाहजहाँ शेख को अरेस्ट करने पहुंची ED (प्रवर्तन निदेशालय) और CRPF की टीम पर हमला हुआ था। बाद में शाहजहाँ शेख और उसके गुर्गों द्वारा संदेशखाली में बड़े पैमाने पर आदिवासी समाज की महिलाओं के यौन शोषण का खुलासा हुआ था। TMC नेता शाहजहां कई दिनों तक फरार रहा था, बाद में हाई कोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने के बाद बंगाल पुलिस ने उसे पकड़ा था। हाई कोर्ट ने जब शेख शाहजहां की हिरासत CBI को सौंपी थी, तो बंगाल पुलिस ने उसे CBI के हवाले करने से इंकार कर दिया था। यहाँ तक की ममता सरकार शाहजहां को बंगाल पुलिस के पास ही रोके रखने और CBI को न देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी, लेकिन वहां बंगाल सरकार की याचिका ख़ारिज हो गई और फ़िलहाल शेख शाहजहां CBI की हिरासत में है।
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