अहमदाबाद: अहमदाबाद पुलिस ने एक बड़े नकली डॉलर गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसे लेकर कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। पुलिस के मुताबिक, इस गैंग ने अहमदाबाद के वटवा इलाके में एक नकली डॉलर छापने की फैक्ट्री स्थापित की थी। यहां ये लोग नकली अमेरिकी डॉलर छापते थे तथा इन्हें उन लोगों को बेचते थे जो विदेश यात्रा करते थे और अपनी यात्रा के चलते करेंसी एक्सचेंज करवाते थे। पुलिस ने इस मामले में 131 नकली डॉलर और छापने के लिए इस्तेमाल किए गए प्रिंटर को जब्त किया है, साथ ही चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया, नकली डॉलर छापने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड मौलिन पटेल है, जो 20 वर्षों तक ऑस्ट्रेलिया में रह चुका था तथा वहां की करेंसी के बारे में अच्छी जानकारी रखता था। मौलिन दो साल पहले ही अहमदाबाद लौटा था। यहां लौटने के पश्चात् उसने अपने परिचित ध्रुव देसाई के साथ मिलकर नकली डॉलर छापने की योजना बनाई। दोनों ने एक जगह पर प्रिंटर और अन्य उपकरणों की सहायता से नकली डॉलर छापने का काम आरम्भ कर दिया। पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी कि वटवा इलाके में एक व्यक्ति 40 रुपये में नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बेच रहा है। इस सूचना के पश्चात् पुलिस ने तहकीकात आरम्भ की तथा यह जानकारी सही साबित हुई। तत्पश्चात, अहमदाबाद एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने कार्रवाई की और छापेमारी के चलते आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस के चलते पुलिस को पता चला कि नकली डॉलर छापने का काम एक फैक्ट्री के जरिए प्रिंटर और अन्य उपकरणों के माध्यम से किया जा रहा था।
गिरफ्तार आरोपियों में खुश पटेल और रौनक राठौड़ भी सम्मिलित हैं। खुश पटेल ने नकली डॉलर बेचने का काम संभाल रखा था तथा उसने रौनक राठौड़ को भी इस काम में सम्मिलित कर लिया था। दोनों मिलकर विदेश यात्रा करने वाले लोगों को 40 रुपये में एक नकली डॉलर बेचते थे। पुलिस ने फैक्ट्री से नकली नोट छापने के लिए उपयोग किया जाने वाला प्रिंटर और 50 नकली ऑस्ट्रेलियाई डॉलर बरामद किए हैं। गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में यह भी सामने आया कि वे अब तक कई लोगों को नकली नोट बेच चुके थे। यह गिरोह मुख्य रूप से उन लोगों को निशाना बनाता था जो विदेश यात्रा की योजना बना रहे थे। नकली डॉलर को सस्ते दामों में बेचने का लालच देकर वे लोगों को जाल में फंसा लेते थे। पुलिस को संदेह है कि यह गिरोह पहले भी इस प्रकार की धोखाधड़ी कर चुका है।
एसओजी के डीसीपी जयराजसिंह वाला ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड मौलिन पटेल था, जिसने पूरी योजना बनाई थी। मौलिन समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अब इस मामले की तहकीकात कर रही है कि नकली डॉलर को कहां और किसे बेचा गया। गिरफ्तार अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जा रही है तथा पुलिस यह भी जांच रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।
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