नई दिल्ली : खबर है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद सरकार आयातित मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क लगा सकती है. स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और चीनी आयात बंद की कोशिश के तहत सरकार यह फैसला ले सकती है.इसका एक मकसद एप्पल जैसे बड़े ब्रैंड के मोबाइल फोन को भारत में बनाने के लिए भी प्रेरित करना भी है.
बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अटार्नी-जनरल की कानूनी राय को सुरक्षित कर लिया है, जिन्होंने कहा है कि फोन पर कस्टम ड्यूटी लगाने से सूचना प्रौद्योगिकी समझौते (आईटीए) का उल्लंघन नहीं होगा. यह एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो हस्ताक्षर करने वाले देशों को कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के ड्यूटी फ्री आयात की अनुमति देने के लिए जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि इसके लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति जिसमें फाइनेंस, टेलीकॉम और आईटी मंत्रालय से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हैं, को इस मुद्दे को विस्तार से जांचने के लिए गठित की गई है. सरकार के इस प्रयास से यह संकेत मिलते हैं कि देश के विनिर्माण क्षेत्र में शून्य सीमा शुल्क का विचार विकास के दृष्टि से मददगार नहीं है. इसके अलावा, कुछ छूट वर्तमान में घरेलू हैंडसेट निर्माताओं के लिए उपलब्ध हैं. बता दें कि आयातित इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर कोई शुल्क नहीं लगता है, यह सुविधा जीएसटी के लागू होने के बाद भी जारी रहेगी.
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