हैदराबाद: हैदराबाद की एक कोर्ट ने 38 वर्षीय इमरान उल हक को मौत की सजा सुनाई है। उसने जनवरी 2019 में बेरहमी से अपनी पत्नी का क़त्ल कर दिया था। कोर्ट ने इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ केस मानते हुए कहा कि इस मामले में क्रूरता की सारी हदें पार की गई। अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश CVS साई भूपति ने 18 जनवरी 2024 को यह फैसला सुनाया। उन्होंने इमरान पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। पेशे से कार चालक ने 30 हजार रुपए नहीं देने पर बीवी नसीमा अख्तर का क़त्ल किया था।
हैदराबाद के पुलिस उपायुक्त (दक्षिण क्षेत्र) पी साई चैतन्य ने बताया कि यह जघन्य हत्या का मामला है। इमरान उल हक अपनी पत्नी नसीमा को छोटी-छोटी बातों पर प्रताड़ित करता था। वह दहेज की माँग करता था। वह कार खरीदने के लिए पत्नी से 30 हजार रुपए की माँग कर रहा था। 6 जनवरी 2019 को हक ने अपनी पत्नी के गले पर कैंची से हमला किया। इसके बाद उसके सिर पर हथौड़ा मारा। मौके से भागने से पहले उसने बीवी के प्राइवेट पार्ट्स में स्क्रू डाइवर डाल दिया था। इस घटना के पश्चात् पुलिस ने इमरान के खिलाफ हक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 498 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
इमरान उल हक हैदराबाद में तालाब कट्टा के पास अमन नगर-बी भवानी नगर का रहने वाला है। वह बीवी नसीमा अख्तर को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था। हक के ससुराल वालों उसकी दूसरी निकाह का भी विरोध कर रहे थे। दूसरी निकाह के पश्चात् नसीमा के परिजनों ने उसे आर्थिक सहायता देना बंद कर दिया था। इससे उसे पैसे की दिक्कत होने लगी थी। 6 जनवरी 2019 की इमरान के बच्चे अपने ननिहाल गए थे। उसने पत्नी नसीमा से कहा कि उसे भूख लगी है वो उसके लिए रोटी बना दे। नसीमा ने उससे कहा कि उसे उसकी अम्मी बुला रही है वो वापस आकर खाना बना देगी। इससे इमरान नाराज हो गया। लौटकर जब नसीम रोटी बनाने लगी। इस बीच हक ने उसे मारने के लिए कैंची, हथौड़ा एवं एक स्क्रू ड्राइवर बेडरूम में रख लिया। नसीमा जब खाना देने आई तो हक उससे जिस्मानी रिश्ते बनाने लगा। इसी के चलते उसने कैंची उसके गले में घोंप दी। उसकी आँखों पर हमला किया। उसके सिर पर हथौड़े से वार किया। आखिर में उसके प्राइवेट पार्ट में पेचकस डालकर फरार हो गया। दूसरी बीवी के घर जाकर उसने खून से सने अपने कपड़े बदले थे।
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