नवजात शिशु की देखभाल करना आसान नहीं है। इसमें उनकी नींद के पैटर्न और स्तनपान की दिनचर्या पर विशेष ध्यान देना शामिल है। उचित भोजन सुनिश्चित करने के लिए नवजात शिशुओं को हर दो घंटे में दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। किसी भी जटिलता से बचने के लिए उनके भोजन के बारे में सावधानी बरतनी चाहिए। कई लोग जन्म के तुरंत बाद बच्चों को पानी देना शुरू कर देते हैं, जो खतरनाक हो सकता है। आज, हम डॉक्टरों से यह पता लगाएंगे कि नवजात शिशुओं को पानी देना कब सुरक्षित है।
नवजात शिशुओं को कितने समय तक स्तन दूध दिया जाना चाहिए
डॉक्टरों के अनुसार, नवजात शिशुओं को जन्म के बाद पहले छह महीनों तक केवल स्तनपान ही करवाना चाहिए। जो माताएँ स्तनपान नहीं करा सकती हैं, उनके लिए डॉक्टर शिशु फार्मूला की सलाह दे सकते हैं ताकि उनकी पोषण संबंधी ज़रूरतें पूरी हो सकें और उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे।
बच्चों को पानी कब देना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जन्म से 6 महीने तक बच्चों को बिल्कुल भी पानी नहीं देना चाहिए। स्तन के दूध और फॉर्मूला दोनों में उनके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी होता है। स्तनपान के बाद बच्चों को पानी देने से उनका पाचन तंत्र खराब हो सकता है, जिससे संभावित समस्याएं हो सकती हैं।
शिशुओं को 6 महीने तक पानी क्यों नहीं देना चाहिए?
डॉक्टरों के अनुसार, छह महीने तक बच्चों का पाचन और प्रतिरक्षा तंत्र तेजी से विकसित होता है। इस दौरान, केवल माँ का दूध ही उनके लिए फायदेमंद होता है क्योंकि यह वजन बढ़ाने में सहायक होता है। बच्चों को पानी या जूस देना वजन घटाने और उनके विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
बच्चे कब ठोस आहार खाना शुरू कर सकते हैं?
डॉक्टर सलाह देते हैं कि जन्म के छह महीने बाद बच्चों को धीरे-धीरे अर्ध-ठोस आहार देना शुरू कर देना चाहिए। उन्हें अन्य खाद्य पदार्थों से परिचित कराना भी धीरे-धीरे शुरू किया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया का पालन करने से बच्चों के उचित विकास में मदद मिल सकती है।
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