नई दिल्ली: अक्सर अपने बयानों से इस्लामी आतंकियों और खालिस्तानियों को भड़काने वाले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अब ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित होने वाले डीजीपी और आईजीपी के वार्षिक सम्मेलन को बाधित करने की धमकी दी है। पन्नू ने एक वीडियो जारी कर इस सम्मेलन को "आतंक की बैठक" बताया और सुरक्षा बलों पर खालिस्तान समर्थक सिखों, कश्मीरी लड़ाकों, नक्सलियों और माओवादियों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उसने नक्सलियों, माओवादियों और कश्मीरी लड़ाकों से अपील की है कि वे अपने मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए भुवनेश्वर के होटलों और मंदिरों में छिपकर इसका विरोध करें।
इस सम्मेलन में देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों जैसे खालिस्तान समर्थक गतिविधियां, जम्मू-कश्मीर की स्थिति, साइबर अपराध, ड्रोन खतरों और एआई उपकरणों से उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत कई प्रमुख लोग इसमें हिस्सा लेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में लगभग 250 डीजीपी और आईजीपी रैंक के अधिकारी प्रत्यक्ष रूप से भाग लेंगे, जबकि 200 अन्य अधिकारी डिजिटल माध्यम से शामिल होंगे।
गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित यह सम्मेलन 2013 तक नई दिल्ली में होता था। लेकिन 2014 में मोदी सरकार आने के बाद इसे राजधानी से बाहर विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाने लगा। इस बार भुवनेश्वर में हो रहे सम्मेलन में प्रधानमंत्री के सामने सुरक्षा से जुड़े ठोस मुद्दों और उनकी प्रगति की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। इस धमकी के बावजूद, भुवनेश्वर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, और पुलिस इस मामले पर निगरानी बनाए हुए है। फिलहाल पुलिस की तरफ से इस धमकी पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
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