देहरादून: दरकतीं दिवारें, धंसतीं जमीन, बिखरते आशियाने कहीं भीषण आपदा की आहट तो नहीं हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग में भू-धंसाव का मामाला प्रकाश में है। भू-धंसाव का मामला सामने आने पर ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों ने उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार से गुहार लगाई है कि फ़ौरन ही इस मामले का संज्ञान लेकर एक ठोस एक्शन प्लान तैयार किया जाए।
बता दें कि, जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में भूं-धंसाव के बाद ग्रामीणों के चेहरों पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। चमोली जिले के डीएम हिमांशु खुराना ने जानकारी दी है कि कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में मकानों में दरारें आ गईं है। उन्होंने बताया है कि IIT रुड़की के विशेषज्ञों की टीम इस मामले पर अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट सौंपेंगी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे का एक्शन प्लान बनाया जाएगा। प्रशासन पूरे अलर्ट मोड पर है। वहीं दूसरी तरफ, सूत्रों का कहना है कि बहुगुणा नगर में लगभग 50 घरों और दुकानों में दरारें आ गई हैं। मकानों में दरारें पड़ने के बाद लोग दहशत में अपने-अपने घरों को छोड़ परिजनों के घर रहने चले गए हैं।
बता दें कि जोशीमठ के 44 और मकानों में मंगलवार को दरारें देखने को मिली। अब इनकी तादाद 723 तक पहुंच गई है। इससे लोगों में दहशत का माहौल है। 50 और परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। जोशीमठ में क्षतिग्रस्त भवनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। आपदा प्रबंधन विभाग से जारी बुलेटिन के मुताबिक, दरार वाले भवनों की संख्या 723 हो गई है।
दरकता जोशीमठ, टूटते लोगों के आशियाने
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