देहरादून: उत्तराखंड के ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए काम चल रहा है। यहां निरंतर हो रही ड्रिलिंग, विस्फोट एवं तोड़-फोड़ का प्रभाव आसपास के नाजुक पहाड़ों पर पड़ रहा है। वही मरोडा गांव के लोगों के कहना है कि रेल लाइन प्रोजेक्ट के चलते जो कंपन होता है, उसके कारण उनकी मकानों में दरारें आ रही हैं।
वही ये घर तो तकरीबन पूरी तरह से टूट ही चुका है। घर की सीढ़ियों के नीचे का हिस्सा खोखला हो चुका है। लोग संभल-संभल कर इसके ऊपर आते-जाते हैं। मरोडा गांव के ही एक शख्स अपने घर की दीवारों पर पड़ी दरारें दिखा रहे हैं। दरारें देखकर लगता है कि जैसे इस दीवार पर बिजली गिर गई हो। नीचे से नींव भी खिसक रही है। चमोली जिले के कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर के लोग अपनी चीजों को लेकर सुरक्षित क्षेत्रों की ओर जाते हुए। इनके घर भी अब डेंजर जोन में आ चुके हैं। इन्हें लगता है कि कभी भी ये गिर सकते हैं।
वही इन दरारों से ठंडी हवाएं रात में आती रहती हैं। मौसम की मार बर्दाश्त कर रहे हैं। वही इस दौरान एक ग्रामीण ने बताया कि कई दशकों से यहां रह रहे हैं। मेहनत से घर बनवाया। सारी पूंजी लगा दी पर इतने वर्ष में प्रथम बार ऐसा दरारें देखी हैं। रुद्रप्रयाग के मरोडा गांव में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट का एक दूसरा भाग आप देख सकते है। वही अब इस मामले ने सरकार की परेशानी और बढ़ा दी है।
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