कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कालियागंज और कालियाचक के बाद अब मालदा के गजोल की आदिवासी छात्रा का बीते 10 दिनों से कोई सुराग नहीं मिल रहा है. आरोप है कि छात्रा को घर से किडनैप कर लिया गया है. गजोल थाने में लगातार शिकायत करने का कोई लाभ नहीं हुआ. परिवार वाले बेबस है. उन्हें डर है कि कहीं किशोरी के साथ कालियागंज या कालियाचक जैसी घटना न हो गई हो. वहीं, उत्तर मालदा से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू ने इस मामले पर रोष जताते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं.
परिजनों के अनुसार, 20 अप्रैल से नाबालिग लड़की घर से लापता है. स्थानीय लोगों और परिवार वालों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन वह नहीं मिली. बाद में परिवार वालों ने गजोल थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. 11 दिन गुजर जाने के बाद भी छात्रा का कोई पता नहीं चला है. जिसके बाद परिवार बेहद चिंतित है और अब बेबस भी हो गया है. क्योंकि, गजोल थाने जाने पर पुलिस उन्हें खदेड़कर भगा देती है. ग्रामीणों का कहना है कि इतना समय हो गया है कि गजोल थाने की पुलिस लड़की को खोजने के लिए कोई कोशिश नहीं कर रही है. हम दहशत में हैं.
वहीं, ग्राम पंचायत भाजपा सदस्य सुनील मरडी ने कहा है कि, लड़की इतने दिनों से गुमशुदा है. मैंने गजोल थाने में शिकायत की है, मगर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. यदि दो दिनों के अंदर गजोल थाने के आईसी वापस नहीं आते हैं, तो हम कालियाचक या कालियागंज की तरह पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए विवश होंगे. उत्तर मालदा के भाजपा सांसद खगेन मुर्मू का कहना है कि गजोल थाने की पुलिस पूरी तरह से गैंगस्टर बन गई है. इस प्रकार पूरे बंगाल की पुलिस गैंगस्टर बन गई है. बच्चियों को मारा जा रहा है और उनके बलात्कार हो रहे हैं, पुलिस दोषियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है. उन्हें सजा नहीं दी जा रही है. गजोल की बेटी लापता हो गई है. सांसद ने कहा कि यदि पुलिस बेटी को नहीं खोज पाती है, तो हम पुलिस के इस गैंग के खिलाफ आंदोलन करेंगे. मैं ममता सरकार की पुलिस के खिलाफ आंदोलन शुरू करूंगा. हम घटना की फ़ौरन CBI जांच की मांग करते हैं.
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