अहमदाबाद: भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कुछ मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जनता के बीच चिंता बढ़ गई है। कर्नाटक के बाद गुजरात में भी इसका केस पाया गया है। अहमदाबाद में इस वायरस से पीड़ित बच्चे के मामले ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यह वायरस कोरोना वायरस की तरह खतरनाक और संक्रामक साबित हो सकता है?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है, जो बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर प्रभावित करता है। पहली बार 2001 में पहचाने गए इस वायरस के लक्षण आमतौर पर फ्लू से मिलते-जुलते हैं, जैसे बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और थकान। यह वायरस श्वसन तंत्र के ऊपरी और निचले हिस्से को संक्रमित कर सकता है। सर्दियों और वसंत ऋतु में HMPV का संक्रमण ज्यादा देखा जाता है।
HMPV का प्रसार कोरोना वायरस की तरह रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स (बोलने, खांसने, या छींकने से निकलने वाली बूंदों) और संक्रमित सतहों के संपर्क से होता है। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। हाल ही में बेंगलुरु और अहमदाबाद में HMPV के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में 8 महीने और 3 महीने के दो बच्चों में HMPV की पुष्टि हुई। वहीं, अहमदाबाद के चांदखेडा इलाके में राजस्थान से आए 2 महीने के बच्चे में यह वायरस पाया गया। राहत की बात यह है कि फिलहाल सभी बच्चे ठीक हो रहे हैं।
HMPV और कोरोना वायरस दोनों श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं और उनके लक्षण भी मिलते-जुलते हैं। हालांकि, HMPV कोरोना की तुलना में कम घातक है। अभी तक HMPV से संबंधित किसी बड़े प्रकोप की रिपोर्ट नहीं आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस नया नहीं है और पहले से मौजूद है। कर्नाटक के हेल्थ कमिश्नर हर्ष गुप्ता ने बताया कि शिशुओं में HMPV का मिलना असामान्य नहीं है। उन्होंने कहा, "यह घबराने की बात नहीं है। अगर वायरस में कोई नया म्यूटेशन हुआ है, तो ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) इसकी जानकारी देगा।"
चीन में HMPV संक्रमण से जुड़ी खबरों के बीच यह डर बढ़ गया है कि क्या यह वायरस एक और महामारी का कारण बन सकता है। हालांकि, चीन में किसी संभावित स्वास्थ्य आपातकाल की कोई पुष्टि नहीं हुई है। भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से घबराने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और ICMR ने कहा है कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या सांस संबंधी गंभीर संक्रमण के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं देखी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहना चाहिए। अस्पतालों को संक्रमण के मामलों की नियमित निगरानी करनी होगी। साथ ही, मरीजों के लिए आइसोलेशन, ऑक्सीजन सपोर्ट और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को यह सुझाव दिया है कि, लगातार हाथ धोने की आदत को प्राथमिकता दें। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें। खांसी या छींक के समय मुंह और नाक ढकें। हालांकि, अभी तक ऐसी सूचना नहीं आई है कि, HMPV कोरोना की तरह घातक है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। कोरोना वायरस भी शुरू में सामान्य फ्लू जैसा ही माना गया था, लेकिन उसने बाद में पूरी दुनिया को प्रभावित किया। HMPV के मामलों में भी स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय रहकर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।
HMPV के टीके या विशेष इलाज उपलब्ध नहीं होने के कारण, सावधानी और जागरूकता ही इस वायरस से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है। जनता को भी घबराने के बजाय स्वच्छता के नियमों का पालन करने और किसी भी असामान्य लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।