भोपाल : लॉकडाउन के वजह से सब आर्थिक संकट का समाना कर रहे है. ऐसे में प्रदेश की सरकार पर भी ये संकट गहराता नजर आ रहा है. दरअसल, शिवराज सरकार के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शराब दुकानें खुलवाने का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है और अब बस ट्रांसपोर्टर राहत पैकेज मांगने लगे हैं. उन्होंने साफ कह दिया है कि परमिट फीस में छूट और लॉकडाउन के दौरान परिवहन बंद रहने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अप्रैल व मई का टैक्स माफ किया जाए, तभी बसों का संचालन संभव होगा.
दरअसल, इसे लेकर सरकार की ओर से अभी तक ठोस आश्वासन नहीं मिला है, इसलिए बसों का संचालन भी बंद कर दिया गया है. बसों के द्वारा अभी प्रवासी श्रमिकों को सीमावर्ती जिलों तक पहुंचाने का काम चल रहा था. उधर, सरकार एक जून के बाद कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों पर लोक परिवहन 50 प्रतिशत सवारी के साथ शुरू करने के पक्ष में है. इसको लेकर एक-दो दिन में रणनीति तैयार हो जाएगी.
बता दें की सूत्रों का कहना है कि एक जून से कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों से पाबंदियां हटा ली जाएंगी. प्रदेश में कहीं भी आने-जाने के लिए अब ई-पास की जरूरत नहीं पड़ेगी. ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो रहा है. ऐसे में दो माह से बंद लोक परिवहन भी शुरू किया जाएगा. हालांकि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए आधी से ज्यादा सवारी ले जाने की अनुमति नहीं रहेगी. हालांकि, ट्रांसपोर्टर तब तक बसों का संचालन नहीं करना चाहते हैं, जब तक की यह साफ न हो जाए कि उनसे अप्रैल और मई का टैक्स नहीं लिया जाएगा. उधर, यदि बसें चलाने की छूट मिल गई और पूरा टैक्स जमा करना पड़ा तो भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
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