रामगढ़: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों में एक जैसे नाम के कारण झारखंड के रामगढ़ जिले की रहने वाली दिव्या पांडे गलतफहमी की शिकार हो गई। जिसकी वजह से अब विद्यार्थी तथा उसके घरवालों को बहुत शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। दरअसल, हाल ही में घोषित हुए UPSC सिविल सेवा के परिणामों में जिले के चित्तरपुर ब्लॉक स्थित रजरप्पा कॉलोनी की रहने वाली दिव्या पांडेय की ऑल इंडिया 323वीं रैंक आने का दावा किया गया था।
UPSC परीक्षा देने वाले दोस्तों ने भी फ़ोन पर दिव्या को बताया, तुमने UPSC में 323वीं रैंक हासिल कर ली है। यह खबर जैसे ही फैली, वैसे ही दिव्या को बधाई देने वालो का तांता लग गया। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी, रजरप्पा के जीएम, रामगढ़ जिले की कमिश्नर माधवी मिश्रा समेत कई सियासी दलों के नेताओं ने दिव्या पांडे को बधाई दी।
सीसीएल के अफसरों ने UPSC परीक्षा पास करने का दावा करने वाली दिव्या पांडेय के पिता को भी सम्मानित किया, क्योंकि वह सीसीएल में क्रेन ऑपरेटर हैं। दूसरी तरफ दिव्या पांडे के UPSC पास करने की खबर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया में सुर्खिया बन गई, जबकि इसकी सच्चाई कुछ और ही निकली। वास्तव में, UPSC में 323वीं रैंक लानी वाली दिव्या पांडेय नहीं है, बल्कि वह तमिलनाडु की रहने वाली दिव्या पी (Divya P) हैं। इसी नाम और उपनाम के कारण गलतीफहमी पैदा हुई थी। कहा जा रहा कि दिव्या पांडेय के घरवालों ने UPSC के पोर्टल पर भी परिणाम चेक करने का प्रयास किया था, किन्तु उस समय इंटरनेट काम नहीं कर रहा था। इसलिए दोस्तों की ही बात पर भरोसा कर लिया। अब UPSC रिजल्ट के नतीजे से दिव्या के परिवारवाले एक तरफ जहां हताश और निराश हैं, तो वहीं दूसरी तरफ दिव्या भी मायूस हो गई हैं। दिव्या के माता पिता के कहा, हम लोगों से बहुत बड़ी गलती हो गई, जिसकी वजह से समाज में आज शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। इस गलती के लिए हमलोग क्षमाप्रार्थी हैं। परिवार ने जिला प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) से क्षमा मांगी है।
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