भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह की मुश्किलें आने वाले वक़्त में बढ़ सकती हैं. दरअसल, भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीडी शर्मा की ओर से दाखिल किए गए मानहानि मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई को होने वाली है. बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल में भाजपा प्रदेश प्रमुख और खजुराहो लोकसभा से सांसद विष्णु दत्त शर्मा की तरफ से दाखिल किए गए मानहानि मुकदमे में दिग्विजय सिंह के खिलाफ PC की धारा 500 के तहत आरोप तय हो गए हैं.
बता दें कि कांग्रेस नेता, दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए वीडी शर्मा को मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में बिचौलिया कह दिया था. इसपर वीडी शर्मा ने कहा था कि उन्हें न तो किसी एजेंसी ने आज तक पूछताछ के लिए बुलाया गया और ना ही उनको कोई सम्मन भेजा गया है. उनका व्यापमं के मामले में कोई ताल्लुक नहीं है. इसके बाद वीडी शर्मा ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस ठोंक दिया था। दिग्विजय सिंह पर अदालत ने धारा 500 के तहत आरोप तय किये हैं और यदि ये आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो उन्हें अधिकतम 2 साल जेल की सजा हो सकती है. ऐसा होने पर दिग्विजय सिंह की राज्यसभा सदस्यता भी निरस्त हो सकती है और उनके 6 वर्षों तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है.
कोर्ट के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि, 'जैसा गुरु वैसा चेला, होवे राजनीति में खेलम खेला. हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है. जिस प्रकार से सूरत की कोर्ट (राहुल गांधी मानहानि मामला) ने फैसला दिया है, उम्मीद है कि भोपाल की कोर्ट भी न्यायसंगत फैसला लेगी.' बता दें कि IPC की धारा 500 के तहत ही सूरत के मजिस्ट्रेट कोर्ट में कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी पर गंभीर इल्जाम लगे थे. आरोप तय होने और दोषी पाए जाने के बाद अदालत ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद नियमों के अनुसार, उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी.
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