जयपुर: राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के मध्य एक महीने तक चले सियासी झगड़े की आग अभी पूरी तरह ठंडी भी नहीं हो पाई है, कि पंजाब में कांग्रेस के लिए नई सियासी उठापटक शुरू हो गई. शराब कांड को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरुद्ध कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों ने मोर्चा निकालना शुरू कर दिया है. यह मामला अब कांग्रेस हाईकमान के लिए नया सिरदर्द बढ़ता जा रहा है. जहरीली शराब कांड को लेकर सांसद प्रताप बाजवा और शमशेर सिंह दूलो ने अपनी ही पार्टी की सरकार के विरुद्ध उतर आए हैं. कांग्रेस के ये दोनों नेता शराब केस की CBI जांच की मांग को लेकर राज्यपाल के पास जाकर अनुरोध किया है. बाजवा का मानना है कि पंजाब में कांग्रेस को लोगों ने इसलिए वोट दिया था कि उसने नशा मुक्त पंजाब बनाने का वचन दिया था. लेकिन अब 4 वर्ष गए हैं और समस्या का समाधान होता नज़र आ रहा है.
प्रताप सिंह बाजवा पार्टी शीर्ष नेतृत्व से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को हटाने का अनुरोध किया जा रहा है. बाजवा ने बताया है कि 'मैंने आलाकमान से बताया है कि अगर आप कांग्रेस को पंजाब में जिंदा रखना चाहते हैं तो लीडरशिप में परिवर्तन करो.' सीएम ने बाजवा की सुरक्षा सेवा में कार्यरत पंजाब पुलिस के जवान और एस्कॉर्ट गाड़ियां वापस लेने के आदेश जारी किए जा चुके है. वहीं, सुनील जाखड़ ने आलाकमान को चिट्ठी लिखकर बाजवा और दूलो को पार्टी से निकालने का अनुरोध कर रहे है. ऐसे में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने कैप्टन-बाजवा के बीच विवाद सुलझाने का जिम्मा प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी को सौंप दिया गया है.
प्रताप सिंह बाजवा और कैप्टन अमरिंदर सिंह के के मध्य 36 का आंकड़ा पहले से हैं. 2015 में जिस स्थिति का सामना बतौर प्रदेश प्रधान बाजवा को करना पड़ रहा था, और वैसे ही स्थिति अब कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ के सामने आ रही है. पंजाब में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के अंदर इस तरह के संकट हमेशा से सामने आते रहते है. इतना ही नहीं पंजाब में मालवा और माझा इलाके की अपनी-अपनी सियासत रही है.
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