नई दिल्ली: गैर-लाभकारी स्टार्टअप फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (FCRF) की साइबर अपराध प्रवृत्तियों पर एक रिपोर्ट ने भारत के शीर्ष 10 जिलों की पहचान की है, जहां पिछले तीन वर्षों में साइबर अपराध से संबंधित 80% मामले सामने आए हैं। IIT कानपुर में आयोजित FCRF स्टार्टअप द्वारा श्वेत पत्र 'डीप डाइव इनटू साइबर क्राइम ट्रेंड्स इम्पैक्टिंग इंडिया' उन्नत साइबर सुरक्षा उपायों और जागरूकता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह विश्लेषण भारत के शीर्ष दस जिलों पर प्रकाश डालता है, जो साइबर अपराध से सबसे अधिक प्रभावित हैं, और उनकी भेद्यता में योगदान देने वाले कारकों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साइबर अपराध-प्रवण जिलों की सूची में शीर्ष पर राजस्थान का भरतपुर जिला है, जहां भारत के कुल साइबर अपराध का 18% है, इसके बाद मथुरा में उच्च मात्रा में वित्तीय लेनदेन के साथ 12% साइबर अपराध दर्ज किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के नजदीक हिंसा प्रभावित नूंह साइबर अपराध के 11% मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है, इसके बाद देवघर 10% साइबर अपराध के मामले में तीसरे स्थान पर है। कुख्यात साइबर अपराध केंद्र जामताड़ा ऑनलाइन धोखाधड़ी और फ़िशिंग के 9.6% मामलों के साथ पांचवें स्थान पर है। रिपोर्ट बताती है कि, प्रमुख कॉर्पोरेट और आईटी हब गुरुग्राम ने 8.1% डिजिटल और साइबर अपराधों को दर्ज करते हुए साइबर अपराधियों को आकर्षित किया है।
वहीं, राजस्थान में भरतपुर के अलावा अलवर भी साइबर अपराधों के लिए एक पारगमन बिंदु बन गया है, जहां 5.1% मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि झारखंड का इस्पात शहर, बोकारो, 2.4% मामलों के साथ साइबर अपराधों के लिए एक अप्रत्याशित केंद्र बन गया है, जो कोयला जिले धनबाद के कर्णाटंड के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है, जो तेजी से कुख्यात हो रहा है। साइबर अपराधों में झारखंड के गिरिडीह जिले का हिस्सा 2.3% है। यहाँ गौर करने वाली बात ये भी है कि, राजस्थान देशभर में बलात्कार के मामलों में भी अव्वल है और अब साइबर क्राइम में भी राज्य का भरतपुर जिला सबसे ऊपर आया है, ये राज्य की अशोक गहलोत सरकार के लिए चिंता का विषय है।
आर्थिक रूप से प्रेरित अपराध 77.41 प्रतिशत :-
रिपोर्ट के अनवसर, लगभग आधे मामलों (47.25 प्रतिशत) में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) धोखाधड़ी शामिल थी। डेबिट, क्रेडिट कार्ड और सिम स्वैप धोखाधड़ी 11.27 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक रूप से प्रेरित अपराध 77.41 प्रतिशत है। जहाँ राजस्थान सूबा, सेक्सटॉर्शन, OLX फ्रॉड, कस्टमर केयर फ्रॉड, OTP स्कैम, KYC फ्रॉड, बिजली बिल फ्रॉड और KBC घोटालों के चार्ट में शीर्ष पर था, वहीं, झारखंड एल ऐप उत्पीड़न, उपहार धोखाधड़ी, वैवाहिक धोखाधड़ी, बिजली बिल, नौकरी और निवेश धोखाधड़ी के लिए केंद्र था।
रिपोर्ट बताती है कि, दिल्ली और NCR फर्जी लिंक, OTP धोखाधड़ी, सोशल इंजीनियरिंग घोटाले, डेबिट/क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के केंद्र थे, इसके बाद बिहार ने राष्ट्रीय राजधानी में साइबर धोखाधड़ी को दोहराया। पहचाने गए नए साइबर अपराध हॉटस्पॉट आंध्र प्रदेश, गुजरात, असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा थे।
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