हिन्दू धर्म में माथे पर तिलक लगाने का बहुत अधिक मान्यता है किसी भी धार्मिक कार्यो में तिलक लगाने कि परम्परा है, वास्तु के मुताबिक माथे पर तिलक लगाना शुभ माना जाता है कहा जाता है, माथे पर तिलक लगाने से व्यक्ति को अपनी आन्तरिक शक्ति का अनुभव होता है. माथे पर तिलक लगाना धार्मिक भावना ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भावना भी है.
तिलक लगाने से हमारे माथे के पिट्यूटरी ग्लैण्ड्ज सक्रिय होने लगते है जिसके कारण से शरीर से आलस्य दूर होता है और दिमागी शक्ति में इजाफा होता है, और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है इसलिए माथे पर तिलक लगाना चाहिए.
योगी लोग मेडिटेशन शुरू करने से पहले अपने माथे पर तिलक और तिपुण्ड लगाते है जिससे कि इस जगह पर आज्ञा चक्र में उपस्थित पिण्ड में जुड़ी सभी नाड़ियों का समूह होता है, ऐसा करने से मस्तिष्क शान्त रहता है और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है.
तिलक लगाने से मन शांत तथा खुश होता है ध्यान एकाग्रता बढती है और मन में गलत विचार भी नहीं आते ध्यान हमेशा अपने अधीन होता होता है, माथे पर तिलक रहने से मन हमेशा खुश रहता है.
वही धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि घर का हर व्यक्ति माथे पर तिलक लगाता है तो इससे व्यक्ति पर चल रहे ग्रह दोष से शांति मिलती है और घर में सुख और शांति आती है.
माथे पर नियमित रूप से तिलक लगाने पर नाड़ी मंडल की परिशुद्ध सक्रियता से इनसोमनिया और साइनस जैसे रोग से छुटकारा मिलता है.
माथे पर हल्दी का चंदन लगाने से त्वचा शुद्ध होती है क्योंकि हल्दी में एंटी बेक्ट्रियल तत्व होते है जिससे रोगों से निजात मिलती है.
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