घाना और उरूग्वे की टीमें 2010 में फुटबॉल वर्ल्ड कप के सबसे विवादास्पद मुकाबलों में से एक खेलने के उपरांत शुक्रवार को अपने अंतिम ग्रुप एच मैच में फिर आमने-सामने होने वाली है। घाना के कोच ओटो एडो ने बोला है कि, ‘यह काफी लंबे समय पहले की बात है।' वर्ल्ड कप 2010 के क्वार्टर फाइनल में उरूग्वे के विरुद्ध हार की पीड़ा हालांकि घाना के लोगों के दिल में अब भी ताजा है। अतिरिक्त समय के अंत में उरूग्वे के स्ट्राइकर लुई सुआरेज ने जानबूझकर हाथ से गेंद को रोक लिया था जिससे घाना की टीम निश्चित गोल से वंचित रह गई थी और इसके साथ ही सेमीफाइनल में स्थान बनाने वाली अफ्रीका की पहली टीम बनने से भी महरूम रह गई।
हैंडबॉल के लिए सुआरेज को मैच से बाहर किया गया और घाना को पेनल्टी भी हासिल हुई है। सुआरेज को जिसके उपरांत टीम बॉक्स में जोरदार जश्न मनाते देखा गया जब पेनल्टी किक पर असामोह ग्यान का शॉट क्रॉसबार से टकरा गया है। उरूग्वे ने जिसके उपरांत पेनल्टी शूटआउट में जीत को अपने नाम कर लिया। बारह वर्ष के उपरांत अब घाना के पास ग्रुप एच के अपने अंतिम मुकाबले में उरूग्वे को हराकर बदला चुकता का अवसर मिल गया।
जीत के साथ घाना अंतिम 16 में स्थान बना लेगा जबकि उरूग्वे की टीम टूर्नामेंट से बाहर हो सकती है। अल वाकराह में दक्षिण कोरिया के खिलाफ पिछले मैच में 3-2 से जीत दर्ज करने वाले घाना को अंतिम 16 में जगह सुनिश्चित करने के लिए एक और जीत दर्ज करनी पड़ेगा। ड्रॉ के साथ भी टीम नॉकआउट में स्थान बना पाई है लेकिन इसके लिए उसे दक्षिण कोरिया और पुर्तगाल के बीच होने वाले मुकाबले के नतीजे पर निर्भर करना पड़ेगा।
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