हैदराबाद: देश में बिजनेसमैन गौतम अडानी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उन पर अमेरिका में आरोप लगा है कि उन्होंने एक सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट और उससे जुड़े कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को बड़ी रिश्वत दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ने इन प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस कराने के लिए अमेरिकी इन्वेस्टर्स से यह जानकारी छिपाई। अमेरिकी अभियोजन पक्ष का दावा है कि अडानी ग्रुप के अधिकारियों ने रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।
अमेरिका की एक कोर्ट ने गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत 7 लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया है। हालांकि, इस मामले में कानूनी अड़चन यह है कि अमेरिकी एसईसी (प्रतिभूति और विनिमय आयोग) अडानी को सीधे समन नहीं भेज सकता। इसके लिए उसे भारतीय दूतावास के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करनी होगी। कोर्ट के दस्तावेजों के अनुसार, इस समन को अडानी तक पहुंचने में समय लग सकता है। न्यूयॉर्क कोर्ट में इस मामले में अडानी और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा शुरू हो चुका है।
इस विवाद के बीच, भारत में विपक्ष ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। बीजेपी की ओर से कहा गया था कि अडानी ग्रुप ने तेलंगाना सरकार को 100 करोड़ रुपये का दान दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अडानी द्वारा तेलंगाना स्किल यूनिवर्सिटी को दिए गए 100 करोड़ रुपये के डोनेशन को ठुकरा दिया है। अमेरिका की कोर्ट में चल रहे इस मामले के अलावा, भारत में अडानी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है, और विपक्ष इसे सरकार के खिलाफ मुद्दा बना रहा है।
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