नई दिल्ली. बिलकिस बानो गैंग रेप केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है. इस मामले में पीड़िता बिलकिस ने कहा, मेरे और परिवार से साथ जो हुआ उसे भुलाया नहीं जा सकता, मै इसका बदला नहीं चाहती हू बल्कि अपने बच्चो की सुरक्षा और सुकून भरी जिंदगी चाहती हू.
यह मामला 3 मार्च, 2002 को गोधरा दंगो के बाद अहमदाबाद के रन्धिकापुर में 17 लोगो ने मिल कर बिलकिस के परिवार पर हमला कर 8 लोगो की हत्या कर दी गई थी. बिलकिस के साथ गैंगरेप हुआ जिस समय वह 5 महीने की प्रेग्नेंट थी. फैसला आने के बाद बिलकिस बानो ने सोमवार को दिल्ली की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मेरे साथ जो हुआ उसे बयां करना आसान नहीं है. मगर मुझे सुकून है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने जुल्म करने वालो को सजा दी और इंसाफ किया.
बीते 15 वर्ष तक इंसाफ के लिए लड़ाई में उसे आखिर जीत मिली है. किन्तु इस बात का थोड़ा मलाल है कि सबूतों को मिटाने में आरोपियों का साथ देने वाले पुलिसकर्मी और डॉक्टर को सजा कम दी गई. बिलकिस बानो और उनके पीटीआई याकूब ने कहा हम बीते 15 वर्षो से हम इस डर में जी रहे है, 25 बार अपने ठिकाने बदल चुके है. अपने घर लौट नहीं पाए है. अब हम बिना डर के जीना चाहते है इसके लिए जरूरी है कि दोषियों को पेरोल नहीं मिलनी चाहिए.
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