जम्मू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इनके इस्तीफ के पश्चात कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में बड़ा झटका लगा है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व MLA गुलाम मोहम्मद (जीएम) सरूरी (GM Saroori), हाजी अब्दुल राशिद (Haji Abdul Rashid), मोहम्मद अमीन भट (Mohd Amin Bhat), गुलजार अहमद वानी (Gulzar Ahmad Wani) एवं चौधरी मोहम्मद अकरम (Choudhary Mohd Akram) ने गुलाम नबी आजाद के सपोर्ट में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को छोड़ने वाले नेता:-
जीएम सरूरी (पूर्व विधायक / कैबिनेट मंत्री, पूर्व उपाध्यक्ष जम्मू-कश्मीर पीसीसी)।
हाजी अब्दुल रशीद (पूर्व विधायक, एमओएस / उपाध्यक्ष जम्मू-कश्मीर पीसीसी)।
मोहम्मद अमीन भट (पूर्व विधायक / पूर्व एमएलसी) पूर्व राज्य युवा अध्यक्ष।
गुलजार अहमद वानी (पूर्व विधायक) जिला अध्यक्ष अनंतनाग।
चौधरी मोहम्मद अकरम (पूर्व विधायक) और अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर एसटी सेल से इस्तीफा।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस नेता जीएम सरूरी ने इन इस्तीफों को लेकर बताया कि हम 5 पूर्व विधायक (जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम) गुलाम नबी आजाद के सपोर्ट में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। अब सिर्फ JKPC अध्यक्ष अकेले रहेंगे। गुलाब नबी आजाद के इस्तीफे पर राष्ट्रीय कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा इंदिरा गांधी के समय से ये (गुलाम नबी आजाद) इनर कैबिनेट के सदस्य थे। आज भी सोनिया गांधी के बहुत नजदीक थे। बड़ा अफसोस है मुझे कि ऐसा क्या हो गया कि इन्हें इतना बड़ा निर्णय लेना पड़ा। इसके साथ ही फारुक अब्दुला ने कहा कि सम्मान नहीं प्राप्त हो रहा होगा, पहले उस पर प्यार बरसा था। 32 नेताओं ने चिट्ठी लिखी तो कांग्रेस दंग रह गई, किन्तु ऐसा पहले भी हुआ है, कांग्रेस और मजबूत हुई। देश को मजबूत विपक्ष की आवश्यकता है।
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