नई दिल्ली: सीएए के विरोध में 15 दिसंबर 2019 से शुरू हुआ अफवाहों का दौर अब थमता नजर आने लगा है. वहीं दिल्ली पुलिस भी मान रही है कि अपील व सख्ती के बाद अब फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप व ट्विटर पर अफवाहें नहीं चल रही हैं. दिल्ली पुलिस ने 70 से ज्यादा मेसेज हटाने व व्हाट्सएप ग्रुप को ब्लॉक करने के लिए संबंधित एजेंसियों पत्र लिखा है. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल समेत अन्य यूनिटों ने नागरिक संशोधन कानून के विरोध में फैली अफवाहों को लेकर कोई मुद्दा दर्ज नहीं किया है. सिर्फ एक मामला मुखर्जी नगर थाने में दर्ज किया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में सबसे पहले विरोध प्रदर्शन 13 दिसंबर को जामिया के छात्रों ने की थी. 15 दिसंबर को प्रदर्शन हिंसक हो गया था. इसके साथ ही विभिन्न सोशल प्लेटफार्म पर अफवाहों को दौर शुरू हो गया था. फर्जी वीडियो व मेसेज चलने शुरू हो गए थे. 15 दिसंबर को ही सोशल मीडिया पर मेसेज चला था कि पुलिस ने जामिया में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की. इससे दो युवकों की मौत हो गई. इसके बाद दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने लोगों से अपील की थी कि वे न अफवाह फैलाएं और न ही इस पर ध्यान दें. इसके बाद स्पेशल सेल की साइबर क्राइम टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नजर रखनी शुरू कर दी थी.
वहीं इस बात पत्या चला है कि नागरिक संशोधन कानून के विरोध में चल रहे अफवाहों का दौर करीब-करीब थम गया है. साइबर क्राइम यूनिट अभी भी 24 घंटे ऑनलाइन चलने वाले मेसेज पर नजर रख रही है. जंहा कुछ आपत्तिजनक मैसेज चलता है तो उसे हटाने के लिए संबंधित सोशल मीडिया को पत्र लिखा जाता है. वहीं उन्होंने बताया के कुछ आपत्तिजनक ब्लॉग भी मिले हैं. उसे हटाने के लिए पत्र लिख दिया गया है.
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