भयानक त्रासदी के बाद लोगों में कई तरह से पैदा हो रहा डर

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देहरादून: 16 फरवरी उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में 14,000 फीट पर बनी झील से तात्कालिक संकट नहीं होने के उपरांत राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के जवान ऋषिगंगा नदी के जलप्रवाह पर निगाह बनाए हुए है। जंहा इस बात का पता चला है कि कुछ दिन पहले उपग्रह की फोटोज से पुष्टि की जा चुकी थी कि ऋषिगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में एक झील बन रही है। उसके तत्काल उपरांत SDRF की एक टीम वहां सर्वेंक्षण करने गई जहां उसने पाया कि झील से जलरिसाव हो कर पानी नदी में जा रहा है जिससे तात्कालिक खतरे की सम्भावना नहीं है।

मिली जानकारी के अनुसार ऋषिगंगा के प्रवाह की निगरानी करने के लिए झील से रैणी और तपोवन तक SDRF ने अपने जवान तैनात कर दिए हैं। मौके पर गई SDRF की टीम की अगुवाई करने वाले कमांडेंट नवनीत भुल्लर ने कहा कि हमारे जवान नदी के किनारे तैनात हैं जो निरंतर नदी के जलप्रवाह की निगरानी की जा रही है। जिसके अतिरिक्त  पूर्व चेतावनी प्रणाली के तहत नदी के जलप्रवाह पर निगरानी रखने के लिए अलग-अलग जगहों पर सेंसर भी लगाए गए हैं।

चमोली जिले की ऋषिगंगा नदी में सात फरवरी को आई विकराल बाढ़ से एनटीपीसी की निर्माणाधीन 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना को भारी क्षति हुई थी जबकि रैणी में स्थित उत्पादनरत 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई थी।

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