नई दिल्ली: भारत की सबसे शक्तिशाली मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5 ICBM) का सफल परीक्षण हुआ है. यह परिक्षण गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात में किया गया. पहली बार मिसाइल को इसकी पूरी रेंज में दागा गया. यानी मिसाइल ने लक्ष्य को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया. इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने संयुक्त रूप से मिलकर विकसित किया है. हालांकि, मुद्दा ये है कि इसकी रेंज कितनी है, चीन और कई देशों को यह चिंता है कि इस मिसाइल के दायरे में उनका पूरा का पूरा क्षेत्रफल आ रहा है.
बता दें कि, अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) का वजन 50 हजार किलो है. यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर यानी 6.7 फीट है. यही नहीं, इस मिसाइल के ऊपर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगाया जा सकता है. इस मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं, जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं. इसकी रफ़्तार साउंड की स्पीड से 24 गुना अधिक है. यानी एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी निर्धारित करती है. अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) 29,401 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर अटैक करती है. इस मिसाइल में रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, GPS, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है. अग्नि-5 मिसाइल टारगेट पर सटीकता से हमला करता है. यदि टारगेट अपनी जगह से हटकर 10 से 80 मीटर तक भी जाता है, तो उसका बचना नामुमकिन है.
अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) को लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर का इस्तेमाल किया जाता है. इसे ट्रक पर लोड करके किसी भी जगह पर पहुंचाया जा सकता है. इस मिसाइल के लिए पहली बार वैज्ञानिक एम. नटराजन ने 2007 में योजना बनाई थी. भारत यदि इस मिसाइल को दागता है, तो वह चीन-पाक समेत पूरे एशिया, यूरोप का कुछ हिस्सा, यूक्रेन, रूस, जापान, इंडोनेशिया तक अटैक कर सकता है. इस मिसाइल की सबसे अहम बात है इसकी MIRV तकनीक (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स). इस तकनीक के जरिए मिसाइल के ऊपर लगाए जाने वॉरहेड (Warhead) की तादाद बढ़ाई जा सकती है. यानी एक मिसाइल एक साथ कई टारगेट को भेद सकती है.
बता दें कि, अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V ICBM) की तैनाती स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (Strategic Forces Command) में की गई है. इस कमांड के तहत ही भारत की सभी मिसाइलों का ऑपरेशन किया जाता है. इसमें पृथ्वी, अग्नि और सूर्य जैसी मिसाइलें शामिल हैं. सूर्य मिसाइल अभी तैयार नहीं हुई है. इसकी रेज 12 से 16 हजार किलोमीटर की रहेगी. उससे पहले अग्नि-6 बनाई जाएगी जो 8 से 12 हजार किलोमीटर रेंज की रहेगी. इसी कमांड में समुद्र में मौजूद सैन्य मिसाइलें भी शामिल हैं. जैसे- धनुष, सागरिका आदि.
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