नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ योजना' में महिलाओं को भी भर्ती किया जाएगा। इस साल भारतीय नौसेना में 3 हजार 'अग्निवीरों' की भर्ती की जाएगी। इनमें से 20 फीसद यानी करीब 600 महिला अग्निवीर होंगी। अग्निपथ योजना के तहत सेना में जुड़ने वालों को अग्निवीर कहा जाएगा। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून को की थी। इस योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष के युवाओं को चार वर्ष के लिए तीनों सेनाओं में भर्ती किया जाएगा। हालांकि, इस साल 23 वर्ष तक के युवाओं को रियायत दी गई है। चार साल बाद इनमें से 25 फीसद अग्निवीर सेना में बरकरार रहेंगे और बाकी सेवा मुक्त कर दिए जाएंगे।
अग्निपथ योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46 हजार युवा भर्ती किए जाएंगे। इनमें से 40 हजार युवा थल सेना में भर्ती होंगे। योजना के तहत युवाओं की भर्ती प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इस साल के अंत तक अग्निवीरों का पहला बैच भी मिल जाएगा। नेवी में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 1 जुलाई से पंजीकरण शुरू हो चुके हैं। एप्लीकेशन विंडो 15 से 30 जुलाई तक ओपन रहेगी। एग्जाम और फिजिकल टेस्ट अक्टूबर के बीच में होंगे, जबकि 21 नवंबर से प्रशिक्षण शुरू होगा। इसी बीच नौसेना के एक अधिकारी ने कहा है कि इस साल 3 हजार अग्निवीरों को भर्ती की जाएगा, जिसमें 20 प्रतिशत महिलाएं होंगी।
वर्ष 1992 तक महिलाओं को तीनों सेनाओं में केवल मेडिकल कोर में भर्ती किया जाता था। मगर, जुलाई 1992 के बाद से महिलाओं को सेनाओं की कुछ शाखाओं में शॉर्ट सर्विस कमीशन अफसर के तौर पर भर्ती किया जाने लगा। शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत महिलाएं 10 या 14 वर्ष तक सेना में सेवाएं देती थीं और फिर उन्हें रिटायर कर दिया जाता था। मगर, सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब महिलाओं को पुरुषों की तरह स्थायी कमीशन भी प्रदान किया जाएगा। बता दें कि सेनाओं में महिलाओं को अच्छी हिस्सेदारी की मांग अक्सर उठती रहती है। अभी भी तीनों सेनाओं में काफी कम महिलाएं ही हैं, लेकिन तीनों सेनाओं में सर्वाधिक महिलाएं नौसेना में ही हैं।
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