आगरा : देश के किसान का दर्द बयां करने की जरूरत नहीं हैं. नया साल अपने साथ कई उम्मीदें लेकर आया, लेकिन बेचारा अन्नदाता एक-एक पाई के लिए मोहताज हैं. अब आलू की फसल में लगातार घाटे से आहत आगरा के किसान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 490 रुपये का मनीआर्डर भेजा है. इससे एक बार फिर सरकार मुसीबत में आ गई हैं.
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बता दें कि आगरा के किसान द्वारा लगभग 19 टन आलू बेचने के बाद 490 रुपये ही उसके पास शेष थे. जानकारी है कि किसान पिछले 4 साल से आलू की फसल से नुकसान झेल रहा हैं. बरौली अहीर के नगला नाथू निवासी प्रदीप शर्मा ने बीते साल लगभग 10 एकड़ जमीन में आलू की बुवाई की और इसमें करीब 1150 पैकेट (50 किग्रो प्रति पैकेट) आलू की पैदावार ही निकली. प्रदीप ने 24 दिसंबर को 368 पैकेट (18828 किग्रा) आलू महाराष्ट्र की अकोला मंडी में बेचा था. बताया जा रहा हैं कि यह आलू 94677 रुपये में बिका और इसमें से 42030 रुपये मोटर भाड़ा, 993.60 रुपये उतराई, 828 रुपये कांटा कटाई, 3790 दलाली, 100 रुपये ड्राफ्ट कमीशन, 400 रुपये छटाई में खर्च हुए. इसके बाद 1500 रुपये नकद ले लिए. वहीं किसान को कुल खर्च 48187 रुपये निकालकर 46490 रुपये मिले. वहीं जानकारी है कि इसके बाद कोल्ड स्टोरेज और वारदाना (कट्टे) का खर्च प्रति पैकेट 125 रुपये रहा. जहां 368 पैकेट आलू का कोल्डस्टोरेज का भाड़ा 46 हजार रुपये आया और अंत में किसान के हाथ में 368 पैकेट आलू बेचने पर महज 490 रुपये बचे.
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आगरा का किसान प्रदीप शर्मा इस मुनाफे से बेहद आहत हैं. प्रदीप शर्मा ने इस पर कहा कि ये तो सिर्फ कोल्डस्टोरेज और मंडी खर्च है, इसमें अभी खेती की लागत का खर्च तो शामिल किया ही नहीं है और ऐसे में किसान का पेट भला क्या भरेगा. साथ ही किसान ने प्रधानमंत्री को मनीआर्डर कर मुआवजा देने की मांग भी की है. आपको यह भी बता दें कि इससे पहले किसान जुले 2018 में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग भी कर चुका है.
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