आगरा: ताजनगरी आगरा के एक मौलवी ने मस्जिद में राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने और राष्ट्रगान को लेकर फतवा जारी किया है। आगरा में स्वतंत्रता दिवस पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी द्वारा आगरा के जामा मस्जिद में ध्वजारोहण किए जाने के बाद मौलवी ने ये बयान दिया है। मुफ़्ती मौलाना उमैर ने कहा कि जामा मस्जिद का माहौल खराब न किया जाए, क्योंकि मस्जिद के अंदर राष्ट्रगान गाना हराम है।
बता दें कि मुफ़्ती उमैर शहर के इमाम-ए-ईदगाह के मौलाना हैं। वहीं, ‘राज्य अल्पसंख्यक आयोग’ ने उनके बयान की निंदा करते हुए माफ़ी माँगने के लिए कहा है। वहीं चैयरमैन असलम कुरैशी ने कहा है कि न केवल मुफ़्ती को पदच्युत किया जाए, बल्कि उनके खिलाफ ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)’ के तहत केस चलाया जाए। बता दें कि जामा मस्जिद के अंदर स्थित मदरसा-ए-औलिया में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रविवार को तिरंगा फहराया गया था।
अशफाक सैफी को इस मौके पर मुख्य अतिथि बनाया गया था। उन्होंने ध्वजारोहण के बाद न केवल जन-गण-मन का गायन किया, बल्कि ‘हिंदुस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे भी लगाए गए। इसके बाद मुफ़्ती ने चेयरमैन को फोन कर के जन-गण-मन को हराम करार देते हुए ‘मस्जिद का माहौल खराब’ न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि, 'आप इस तरह से अल्लाह के कहर को दावत नहीं दीजिए। डरिए अल्लाह से, अल्लाह की पकड़ बहुत मजबूत है।'
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