पटना: बिहार में नीतीश कुमार अपनी सरकार में मंत्रिमंडल मंत्रियों पर पहले से दर्ज मुकदमों के चलते सवालों में हैं। पहले बिहार के कानून मंत्री एवं अब कृषि मंत्री अपने ऊपर दर्ज केसों के चलते विवाद बढ़ गया है। इसी बीच कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा है कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचारों के इल्जामों को भी गलत बताया है।
दरअसल, सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले में सम्मिलित होने का आरोप लगा है। बिहार में 2013-2014 में चावल घोटाला हुआ था। आरोप है कि सुधाकर सिंह ने चावल जमा नहीं कराया तथा उसे गबन कर गए। रामगढ़ थाने में सुधाकर सिंह पर केस भी हुआ। यह मामला अभी भी लंबित है। शपथ लेने के एक दिन पश्चात् ही बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर हंगामा मच गया था।
दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल विधायक एवं अब कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज है। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 16 अगस्त को अदालत में आत्मसमर्पण करने का वारंट जारी किया गया था। आरोप है कि उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण नहीं किया, 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। बिहार में नीतीश-तेजस्वी सरकार का मंगलवार को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था। इस के चलते 31 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली। सीएम नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मिलाकर मंत्रिमंडल में कुल 33 चेहरे हैं। बिहार मंत्रिमंडल में सम्मिलित 33 में से 23 यानी 72 प्रतिशत मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की नई सरकार में 33 मंत्रियों में 72 प्रतिशत यानी 23 ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इतना ही नहीं इनमें से 53 प्रतिशत यानी 17 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ADR नीतीश कुमार सहित 33 में से 32 कैबिनेट सदस्यों के चुनाव आयोग के पास दाखिल एफिडेविट का एनालिसिस किया है।
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