ऑक्टोपस की स्थापना साल 2007 में तत्कालीन संयुक्त आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड NSG) की तर्ज पर की गई थी। जी दरअसल 600 एकड़ में फैला यह कैंपस ऑर्गनाइजेशन फॉर काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशंस के लिए एक ट्रेनिंग ग्राउंड है। ऐसे में अदीवी सेष को पहली बार बूट कैंप देखने को मिला, और उनके लिए यह एक ऐसा अनुभव था जो समान रूप से रोमांचकारी और ज्ञानवर्धक था।
जी दरअसल मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की यात्रा और 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों में उनकी बहादुरी और बलिदान को फिल्म 'मेजर' में फिल्माने के दौरान, अदीवी सेष ने पहले से ही बहुत सारी सैन्य अधिकारी ट्रेनिंग ले रखी थी और इसकी वजह से उनके जुनून को और बढ़ावा मिला। आपको बता दें कि अपने इस अनुभव के बारे में बात करते हुए, अदीवी सेष ने कहा, "स्वतंत्रता दिवस के सम्मान में, मैंने ऑक्टोपस स्पेशल फोर्स कैंपस का दौरा किया और यह वास्तव में यह मेरे लिए बहुत ही शानदार अनुभव रहा। मेरी मुलाकात ग्राउंड कमांडर और ट्रेनिंग ऑफिसर ऑफ द कमांडोस से हुई थी। हमने उनके ड्रिल, उनके हथियारों द्वारा की गई लाइव फायरिंग, उनके आईईडी एक्सप्लोसिव ड्रिल्स और उनके K9 स्क्वेड को भी देखा। कुत्तों को इतनी अच्छी तरह से ट्रेनिंग दिया गया था कि वे आंखों पर पट्टी बांधकर भी रस्सी पर चल सकते हैं।''
इसी के साथ आगे उन्होंने कहा, ''एक डॉग लवर होने के नाते ,यह देखने के लिए एक शानदार पल था। एक भारतीय के नाते पहली बार एक्शन देखना यह भावना गर्व से भर देता है। मैं सैनिकों के प्रयासों को शत् शत् नमन करता हूं, जो हमेशा हमारी सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।''
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