नई दिल्ली: WHO द्वारा दी गई कोरोना की नई लहर की चेतावनी पर AIIMS के चिकित्सक तथा महामारी विज्ञानी डॉ संजय के राय ने बताया कि पहले ही बड़ी आबादी संक्रमण से संक्रमित हो चुकी है, ऐसे में कोरोना के एक और लहर की संभावना कम ही है। WHO ने पहले यूरोप तथा मध्य एशिया में बड़े स्तर पर कोरोना के लहर की चेतावनी दी थी। WHO ने यह भी बताया कि फरवरी 2022 तक यूरोप एवं मध्य एशिया में 5,00,000 से ज्यादा व्यक्तियों की मौत (संयुक्त) होने की संभावना है।
वही संजय के राय ने बताया, ‘जब बड़ी आबादी संक्रमित हो जाती है, तो संक्रमण की बड़ी लहरों की संभावना नहीं होती है। प्राकृतिक संक्रमण से प्राकृतिक प्रतिरक्षा होती है जिससे मामलों के आँकड़े में गिरावट आती है। टीकाकरण भी रोग की गंभीरता और मौतों को कम करता है।’ उन्होंने बताया, ‘यह रूस एवं मध्य एशिया में होगा। वहां वायरस की लहर चल रही है, मगर फरवरी तक यह कम हो जाएगा। भारत समेत प्रत्येक स्थान पर ऐसा ही हुआ। यहां बड़ी मात्रा में आबादी संक्रमित हुई, फिर मामले तेजी से घटने लगे। जब भी केस तेजी से बढ़ते हैं, वे तेजी से घटते भी हैं।’
हालांकि, उन्होंने बताया कि यह संभावना है कि इस क्षेत्र में फरवरी तक मौतों का आँकड़ा 5 लाख को छू सकता हैं तथा यहां तक कि टीकाकरण भी बढ़ती मौतों को अचानक रोक नहीं पाएगा। उन्होंने बताया कि WHO वैश्विक मंच पर अपनी विश्वसनीयता खो रहा है। उन्होंने बताया, ‘WHO विवादास्पद बयान दे रहा है। यह कोरोना की उत्पत्ति का पता लगाने में सक्षम नहीं है। उन्हें यह समझने में 1।5 वर्ष से ज्यादा का वक़्त लगा कि प्राकृतिक संक्रमण व्यक्तियों को सुरक्षा दे रहे हैं, मगर वे अभी भी इसे ज्यादा अहमियत नहीं दे रहे हैं।’
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